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Success Story: छतरपुर के प्रहलाद सिंह ने सरकारी नौकरी पाने की 5 साल तक की मेहनत के बाद जब निराशा हाथ लगी, तो शुरू किया खेतों से जुड़ा बिजनेस. आज 20 लाख का इन्वेस्टमेंट कर बनाए हैं.

प्रहलाद सिंह अपने बिजनेस की कहानी बताते
हाइलाइट्स
- प्रहलाद सिंह ने सरकारी नौकरी की तैयारी के बाद खेती का बिजनेस शुरू किया.
- 20 लाख का इन्वेस्टमेंट कर कृषि यंत्र खरीदे, साल में 6 महीने बिजनेस चलता है.
- प्रहलाद का बिजनेस मुनाफे वाला, लेकिन सरकारी नौकरी जैसा सम्मान नहीं मिलता.
छतरपुर. जिले के लवकुश नगर के अक्टोहा गांव के रहने वाले प्रहलाद सिंह बताते हैं कि मैंने प्रतियोगी परीक्षा की 5 साल तक तैयारी की लेकिन जब जॉब लगी नहीं तो घर आकर खेती- किसानी का बिजनेस शुरू कर दिया. मेरे पास कृषि से संबंधित सभी मशीनें उपलब्ध हैं. इन कृषि यंत्रों को खरीदने में पूरी पूंजी घर से ही लगाई है. शुरुआत में सरकारी योजना के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी. इसलिए मशीनें खरीदने में लगभग 20 लाख रुपए का इन्वेस्टमेंट किया है.
घर की खेती के साथ होता है बढ़िया मुनाफा
प्रहलाद बताते हैं कि हमारा ये बिजनेस साल में 6 महीने धड़ाधड़ चलता है. हमारे पास खेत बनाने से लेकर खेत काटने तक की सभी प्रकार की मशीनें हैं. अभी छतरपुर में कटाई का काम ज्यादा चल रहा है इसलिए अभी यहां पर कर रहे हैं. छतरपुर की कटाई होने के बाद यूपी तरफ़ निकल जाएंगे. वहां कटाई का काम अभी चलेगा. सीज़न की बात करें तो एक महीने में लगभग डेढ़ लाख रुपए की कमाई हो जाती है.
सरकारी नौकरी का सपना रह गया अधूरा
प्रहलाद बताते हैं कि मैंने ग्रेजुएशन के साथ में बीएड कर रखा है, पीजीडीसीए कर रखा है. लेकिन ये सभी डिग्रियां मुझे नौकरी नहीं दिला पाईं.
पुलिस वर्दी का सपना टूटा
प्रहलाद बताते हैं कि एसएससी जीडी की तैयारी की दो बार फ़ाइनल सेलेक्शन तक पहुंचते-पहुंचते बचा. इसके बाद 2017 में एमपी एसआई परीक्षा की तैयारी की लेकिन क्रैक नहीं कर पाया. 2017 के बाद एमपी एसआई की वैकेंसी ही नहीं आई.
बिजनेस में कमाईं अच्छी लेकिन सम्मान सरकारी नौकरी जैसा नहीं मिलता
प्रहलाद बताते हैं कि पैसों के मामले में बिजनेस मेरा अच्छा है, अपनी मर्जी का काम है लेकिन आज भी हमारे क्षेत्र में सरकारी नौकरी वालों को ज्यादा सम्मान दिया जाता है. सामाजिक प्रतिष्ठा भी सरकारी नौकरी वालों को ही दी जाती है. बस यही देखकर आज भी मन दुखी हो जाता है. जबकि सीज़न की कमाई में सरकारी नौकरी वालों से कई गुना ज्यादा कमाते हैं.