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भविष्य तो हर कोई देखना चाहता है लेकिन ये संभव कहां है? हालांकि दुनिया में एक ऐसा द्वीप भी है, जहां से आप भविष्य देख सकते हैं, वो भी पैदल जाकर. बस दिक्कत इतनी सी है कि यहां पर यात्रा करने पर ही पाबंदी लगाई गई है…और पढ़ें

यहां से दिख जाता है भविष्य. (Credit- Canva/सांकेतिक तस्वीर)
इंसान ने विज्ञान के ज़रिये बहुत कुछ सीख लिया है. कई ऐसी चीज़ें वो कर ले रहा है, जो पहले सिर्फ कल्पना में ही हो सकती थीं. एक ऐसी ही चीज़ टाइम ट्रैवलिंग भी है. इंसान अब भी समय से आगे और पीछे जाना नहीं सीख पाया है, लेकिन आपको आज हम एक ऐसी जगह के बारे में बताएंगे, जहां टाइम ट्रैवेल यानि समय में यात्रा करना कुछ हद तक संभव है. आप यहां भविष्य को छूकर वापस आ सकते हैं.
ऐसा नहीं है कि ये कोई नई जगह है, दरअसल हज़ारों साल से ये यहां मौजूद है. आपने इसके बारे में शायद सुना भी हो लेकिन इस तरह से सोचा नहीं होगा. ये एक द्वीप है, जिसका नाम डायोमीड है. दो हिस्सों में बंटे हुए इस आइलैंड की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसके एक कोने से दूसरे कोने में पहुंचते ही आप अतीत से भविष्य में पहुंच जाते हैं. है ना दिलचस्प!
यहां भविष्य में पहुंच जाते हैं लोग …
डायोमीड आइलैंड अपने आपमें अनोखा है. ये दो हिस्सों में बंटा हुआ है – बिग डायोमीड लिटिल डायोमीड. इनके बीच दूरी सिर्फ 4.8 किलोमीटर की है. हालांकि ये दूरी आपको भूत से भविष्य में पहुंचा देने के लिए काफी है. इसकी वजह ये है कि प्रशांत महासागर (Pacific Ocean) से गुजरने वाली इंटरनेशनल डेट लाइन (International Date Line) बिग डायोमीड और लिटिल डायोमीड के बीच से गुजरती है और इस यात्रा में एक दिन का अंतर हो जाता है. इंटरनेशनल डेट लाइन वो काल्पनिक रेखा है, जो भौगोलिक दृष्टि से उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव तक जाती है. यही रेखा कैलेंडर के एक दिन और दूसरे दिन के बीच का बॉर्डर है. यही वजह है कि डायोमीड के एक से दूसरे छोर तक जाने में कैलेंडर का दिन बदल जाता है और इंसान अतीत से भविष्य में पहुंच जाता है और भविष्य से अतीत में लौट सकता है.
जाने पर लगी है पाबंदी
ये इलाका काफी ठंडा है, ऐसे में सर्दियों में दोनों द्वीपों के बीच एक पुल बन जाता है. इसके ज़रिये एक द्वीप से दूसरे द्वीप तक पैदल ही जाया जा सकता है. इसे और दिलचस्प तरीके से समझना हो, तो जानिए कि अगर आप रविवार को एक छोर से चलते हैं, तो दूसरे छोर तक पहुंचते ही सोमवार की तारीख आ जाएगी. यही वजह है कि बिग डायोमीड को Tomorrow और लिटिल डायोमीड को Yesterday Island भी कहा जाता है. इसे 16 अगस्त, 1728 में डेनिश-रशियन नाविक विटस बेरिंग (Vitus Bering) ने खोजा था और नाम दिया था. 1982 में अमेरिका ने रूस से इसे खरीदा और दोनों देशों के बीच सीमा रेखांकन हुआ था. इसके बाद ही इस द्वीप के दो हिस्सों के बीच यात्रा अवैध हो गई. चूंकि रूस और अमेरिका के बीच रिश्ते भी ऐसे नहीं हैं, तो यहां आने-जाने पर पाबंदी भी है और इधर कोई रहता भी नहीं.