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Jamshedpur Boarding: जमशेदपुर बोर्डिंग, 84 साल पुराना होटल, बिस्टुपुर में स्थित है और अपनी स्पेशल मटन थाली के लिए प्रसिद्ध है. 1941 में शुरू हुआ यह होटल अब संजय चक्रवर्ती द्वारा संचालित है.

जमशेदपुर बोर्डिंग की स्पेशल थाली.
हाइलाइट्स
- जमशेदपुर बोर्डिंग 84 सालों से शहरवासियों की पसंद है.
- होटल की स्पेशल मटन थाली में 12 लजीज आइटम मिलते हैं.
- जमशेदपुर बोर्डिंग अब शहर की विरासत बन चुका है.
जमशेदपुर: अगर आप खाने-पीने के शौकीन हैं और जमशेदपुर में रहते हैं, तो आपने ‘जमशेदपुर बोर्डिंग’ का नाम जरूर सुना होगा- और शायद वहां का लाजवाब स्वाद भी चखा होगा. बिस्टुपुर सिग्नल के पास एक संकरी गली में स्थित यह छोटा-सा होटल बीते 84 सालों से शहरवासियों की पहली पसंद बना हुआ है.
इस होटल की शुरुआत साल 1941 में ब्रिटिश शासन के दौर में हुई थी. उस दौर में ब्रिटिश अधिकारी यहां रुकते थे और बंगाली भोजन का आनंद लेते थे. आज इस होटल को तीसरी पीढ़ी के संचालक संजय चक्रवर्ती चला रहे हैं. भले ही यहां सिर्फ 20-25 लोगों के बैठने की जगह है, लेकिन इसके स्वाद की लोकप्रियता शहर ही नहीं बल्कि शहर से बाहर तक फैली हुई है.
हर बाइट में है घर का स्वाद
जमशेदपुर बोर्डिंग की सबसे खास डिश है यहां मिलने वाली स्पेशल मटन थाली, जिसकी कीमत 450 रुपये है. इस थाली में मिलते हैं 12 तरह के लजीज आइटम- अनलिमिटेड चावल, दाल, आलू-चिप्स, कटहल की सब्ज़ी, मूंग दाल के साथ आलू, चोरचोरी, आलू-पोस्तो, आम की चटनी और साथ में मिलते हैं 6 पीस नरम और मसालेदार मटन, जो हर बाइट में घर का स्वाद देता है.
यहां मछली के शौकीनों के लिए भी कई ऑप्शंस हैं- जैसे चिंगरी, रोहू, कतला, चेरापना और टिलापिया.
पूरे शहर में नहीं मिलता ऐसा लाजवाब स्वाद
इस होटल में रोजाना आने वाले ग्राहक रोशन कहते हैं कि मटन एकदम घर जैसा लगता है. वहीं नितेश बताते हैं कि वे हफ्ते में चार बार यहां खाने आते हैं क्योंकि ऐसा स्वाद उन्हें पूरे शहर में कहीं और नहीं मिलता.
84 वर्षों से स्वाद और परंपरा का संगम बना यह होटल अब सिर्फ एक खाने की जगह नहीं, बल्कि जमशेदपुर की विरासत बन चुका है.