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Junk Reuse Furniture: छतरपुर के आस्था ग्रीन विलेज में कबाड़ से बन रही हैं गेट, सोफा, झूले जैसी शानदार चीजें. जानिए कैसे बेकार सामान को मिल रहा नया जीवन.

कबाड़ से तैयार मूल्यवान चीजें
हाइलाइट्स
- आस्था ग्रीन विलेज में कबाड़ से फर्नीचर बन रहा है.
- पुराने टायर, बोतलें और रिम्स से सजावट की जा रही है.
- कांच की बोतलों से पौधों की क्यारियों की दीवार बनाई गई.
कहते हैं कबाड़ किसी काम का नहीं होता, लेकिन अगर सोच रचनात्मक हो तो वही कबाड़ किसी खजाने से कम नहीं होता. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के खजुराहो स्थित ‘आस्था ग्रीन विलेज’ ने, जहां पुराने टायर, बोतलें, रिम, मटके और टूटी-फूटी चीजें नई ज़िंदगी पा रही हैं और बन रही हैं आकर्षक सजावट और उपयोगी फर्नीचर का हिस्सा.
यहां के राजू बताते हैं कि हमारे ग्रीन विलेज की सबसे बड़ी खासियत यही है कि जो चीजें बेकार हो जाती हैं, हम उन्हें फेंकते नहीं, बल्कि नया रूप देकर कीमती उपयोगी सामान में बदल देते हैं. चाहे वो साइकिल का पुराना रिम हो या किसी होटल से मिली बेकार कांच की बोतल यहां सबका काम है.
खराब रिम बना गेट और स्टूल
राजू बताते हैं कि साइकिल के जंग लगे रिम्स से हमने गेट सजाया, सुंदर बोर्ड तैयार किए और बैठने के लिए मजबूत स्टूल भी बना डाले. इन पर पेंट और कलर देकर इन्हें आर्ट पीस जैसा लुक दे दिया गया.
टायर से बना झूला और सोफा
पुरानी मोटरसाइकिल और कार के टायरों को कबाड़ समझकर लोग फेंक देते हैं, लेकिन आस्था ग्रीन विलेज में उनसे टायर सोफा और झूले बनाए जाते हैं जो देखने में भी स्टाइलिश लगते हैं और टिकाऊ भी होते हैं.
बोतलें बनीं क्यारी की दीवार
यहां की पौधों की क्यारियों में ईंटों की जगह कांच की बोतलों का इस्तेमाल किया गया है. इससे एक तरफ जहां सीमेंट और ईंट की बचत हुई, वहीं दूसरी तरफ एक शानदार डिजाइन तैयार हुआ. मटकों और बोतलों से बने काउंटर ने तो इस जगह को एक अनोखी पहचान दी है.
कांच के टुकड़ों से बने टेबल
राजू बताते हैं कि उन्होंने 20 रुपये में कबाड़ी से शीशे खरीदे, और उन्हीं शीशों से खूबसूरत टेबल बना दी. जो लोग यहां आते हैं, वे देखकर चौंक जाते हैं कि इतना सुंदर काम कबाड़ से कैसे किया गया.