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Jugaad tractor: खेती-किसानी में जरूरत के उपकरण न होने से किसानों को भारी कठिनाई होती है. ऐसे में लोग किसानी के लिए…

बहन के ससुराल से लाया इंजन, फिर बना लिया जुगाड़
पूर्णिया: आजकल के किसान अब पुरानी परंपरा से हटकर और अपना कुछ एक्स्ट्रा दिमाग लगाकर खेती कर रहे हैं. इससे उनका काम आसान होता है और लागत भी बच जाती है. खेती करने में सबसे ज्यादा लागत खेत को तैयार करने यानी जुताई करने और खेत को तैयार करने में होती है क्योंकि जुताई के बाद ही किसी बीज या पौधे को लगाया जाता है. अब दिक्कत ये होती है कि आजकल की खेती-किसानी भी बहुत मुश्किल होने लगी है. अगर जरूरी कृषि उपकरण और संसाधन नहीं मिलते हैं तो फिर खेती और कठिन होती है. हालांकि, किसान अपनी जरूरत के हिसाब से कई बार तमाम तरह के उपायों के जरिए जरूरी उपकरण बना लते हैं जो उनकी किसानी को आसान बनाते हैं. आज हम आपको बताने जा रहे हैं खेत की जुताई करने का जुगाड़.
किसान भाइयों को खेत की जुताई करने में बड़े-बड़े ट्रैक्टर या बड़े-बड़े मशीन का सहारा लेना पड़ता है. इतने महंगे ट्रैक्टर और मशीनें खरीद पाना सभी के बस की बात नहीं होती है. ऐसे में किसान इसका जुगाड़ खोजते हैं और खुद से भी जुगाड़ बनाते हैं. पूर्णिया जिला के ठाडा ग्राम के किसान हरेंद्र कुमार कहते हैं कि उन्हें आज तक अपनी खेती करने के लिए बड़े ट्रैक्टर या बड़े मशीन की जरूरत नहीं पड़ी. वह जुगाड़ से ही अपना काम चलाते हैं.
उन्होंने बताया कि वह पिछले कई सालों से अपने 4 एकड़ खेत में खेती करते हैं. अलग-अलग सीजनली फल और सब्जियों की खेती से उन्हें अच्छा मुनाफा होता है. उन्होंने कहा खेत तैयार करने के लिए सबसे पहले जुताई की बारी आती है. जुताई के लिए आज तक उन्होंने कभी कोई बड़ा ट्रैक्टर नहीं मंगवाया. वह अपने इस जुगाड़ तकनीक के सहारे अपने खेत की प्रॉपर जुताई कर फसलों की बुवाई कर बेहतर उत्पादन करते हैं.
महज घंटा भर में एकड़ भर करता है जुताई
उन्होंने कहा कि उनके पास जुगाड़ वाला एक छोटा मिनी ट्रैक्टर है. वह अपने बहन के ससुराल यानी नेपाल से जाकर ट्रैक्टर का इंजन लाए थे और फिर अपने घर पर ही अन्य कृषि यंत्र बनाकर जुगाड़ तकनीक के सहारे दोनों तरफ टायर लगाकर उसे पूरी तरह ट्रैक्टर का रूप दे दिया. अब दो डंडा लगाकर उससे अपने हाथों के सहारे खेत में आसानी से जुताई कर लेते हैं. उन्होंने कहा 1 लीटर डीजल में लगभग एक एकड़ खेत की घंटे भर में आसानी से जुताई हो जाती है. इसके साथ ही साथ इस मशीन के सहारे वह अपने खेत में गोबर या वर्मी कंपोस्ट या अन्य कोई फर्टिलाइजर का आसानी से छिड़काव भी कर लेते हैं. इस जुगाड़ तकनीक के सहारे वह अपने खेती में अब तक लाखों रुपए सालाना बचत कर लेते हैं.