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Bihar Latest News : आसनसोल के रहने वाले युवक विकास कुमार ने ट्रेन से फ्री सफर के लिए ऐसा दिमाग लगाया, जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता. उसने सिर्फ 30 रुपये खर्च करके एक खास चीज खरीदी. फिर पूरे दो साल तक ट्र…और पढ़ें

आसनसोल का युवक विकास कुमार दो साल तक ट्रेन से फ्री सफर में करता रहा…
भागलपुर. बिहार के भागलपुर रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ ने खुद को भारतीय रेलवे का लोको पायलट बताकर ट्रेन में फ्री यात्रा करने वाले युवक को गिरफ्तार किया है. सिर्फ 30 रुपये खर्च करके ऐसी चीज खरीदी कि पूरे दो साल तक ट्रेन में फ्री में सफर करता रहा. सच्चाई जानकर अधिकारी भी हैरान रह गए. फर्जी लोको पायलट ने अपना नाम विकास कुमार बताया. वह जमुई का रहने वाला है. धनबाद आईटीआई कॉलेज का स्टूडेंट है. रविवार को कविगुरु एक्सप्रेस से आसनसोल जा रहा था, तभी आरपीएफ ने उसे पकड़ लिया. रेलवे का रिबन लगाकर विकास फ्री ट्रेन में सफर कर रहा था.
ट्रेन में सफर करने के दौरान विकास खुद को रेलवे स्टाफ बताता था. रविवार को कविगुरु के लोको पायलट मो. गयासुद्दीन ने आरपीएफ के सहायक उपनिरीक्षक संजीव कुमार सूचना दी कि ट्रेन के एसएलआर बोगी में एक युवक बैठा हुआ है और वह खुद को लोको पायलट बताया है. एसआलआर बोगी में लोको पायलट के होने की सूचना पाकर आरपीएफ भी चौंक गई. मौके पर पहुंची और फर्जी लोको पायलट को गिरफ्तार कर लिया.
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पूछताछ में विकास कुमार ने बताया कि उसने धनबाद में एक साल पहले कॉलेज में एडमिशन लिया था. आसनसोल में पिता के साथ रहता है. आते-जाते समय वह टीटीआई और आरपीएफ को रेलवे स्टाफ बताकर बच जाता था. आसनसोल और धनबाद के बीच की दूरी करीब 60 किमी की है. शनिवार को वह भागलपुर में जीरो माइल में रहने वाले दोस्त से मिलने गया था. रविवार की सुबह वो भागलपुर से कवि गुरु एक्सप्रेस (13016) से लौट रहा था. वह एसएलआर बोगी में बैठा था, तभी आरपीएफ ने उसे पकड़ लिया. विकास से पूरे दिन पूछताछ हुई.
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विकास ने पूछताछ में बताया कि उसका जीजा और भाई रेलवे में कार्यरत हैं. वर्तमान में आरा आरपीएफ में पोस्टेड हैं. विकास ने बाजार से 30 रुपये में रेलवे का रिबन खरीदा था. इसका इस्तेमाल वह सफर के दौरान करता था. लोको पायलट का ड्रेस पहनकर गले में भारतीय रेल लिखा रिबन लटका कर चलता था. रेलवे के ड्रेस से मिलती-जुलती शर्ट पहन रखी थी.
आरपीएफ सहायक उप निरीक्षक संजीव कुमार झा ने बताया कि आरोपी युवक को गिरफ्तार कर जीआरपी के हवाले कर दिया. जीआरपी थाने में फर्जी लोको पायलट के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया है.