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Ambikapur News: अंबिकापुर के कुदरगढ़ धाम में बाघ की आहट से हड़कंप मच गया. वन विभाग ने अलर्ट जारी किया है. पिछले साल बाघिन के हमले में दो ग्रामीणों की मौत हुई थी.

बाघ
हाइलाइट्स
- कुदरगढ़ धाम में नवरात्रि के पहले दिन दिखा बाघ
- वन विभाग ने कुदरगढ़ इलाके में जारी किया अलर्ट
- बाघ का वीडियो सोशल मीडिया पर हुआ वायरल
अंबिकापुर. चैत्र नवरात्रि के पहले दिन छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग के सुरजपुर जिले के कुदरगढ़ धाम में बाघ की आहट से हड़कंप मच गया. यहां हर साल चैत्र नवरात्रि में विशेष मेले का आयोजन होता है और मां शेरावाली आगमन की अद्भुत मान्यता है. इस बार भी नवरात्रि के पहले दिन ही बाघ के दर्शन हुए, जिससे लोग दहशत में हैं. बाघ को मां शेरावाली का सवारी माना जाता है, लेकिन भारी संख्या में श्रद्धालुओं की मौजूदगी के बीच बाघ का दिखना चिंता का विषय बन गया है. वन विभाग ने पूरे कुदरगढ़ इलाके में अलर्ट जारी कर दिया है.
नवरात्रि के मौके पर हर साल दिखता है बाघ
सुरजपुर जिले के ओड़गी-बिहारपुर मुख्य मार्ग पर चंपाजोर के जंगल में एक बाघ सड़क पार करता दिखा, राहगीरों ने जिसका वीडियो बना लिया. यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि हर साल नवरात्रि के समय इस क्षेत्र में बाघ का विचरण देखा जाता है.
कुंदरगढ़ क्षेत्र के लोगों के अनुसार, चैत्र और शारदीय नवरात्र के अवसर पर बाघ यहां पहुंचता है. इस बार भी चैत्र नवरात्रि के पहले दिन बाघ दिखा है, जिससे इलाके में डर का माहौल है.
15 दिनों तक मेले का आयोजन
चैत्र नवरात्र के अवसर पर कुदरगढ़ धाम में 15 दिनों तक मेले का आयोजन किया जाता है, साथ ही 3 दिवसीय कुदरगढ़ महोत्सव भी होता है. ऐसे में बाघ के विचरण को लेकर कुदरगढ़ लोक न्यास ट्रस्ट, जिला प्रशासन और वन विभाग अलर्ट मोड पर हैं. बताया जा रहा है कि बाघ की मौजूदगी वाले इलाके से कुदरगढ़ की दूरी करीब 15 किलोमीटर है, जिससे इस बात की आशंका जताई जा रही है कि वह मंदिर क्षेत्र की ओर बढ़ सकता है.
लगातार नजर रख रही है वन विभाग की टीम
कुंदरगढ़ वनपरिक्षेत्र के वनपरिक्षेत्राधिकारी नरेंद्र गुप्ता के अनुसार, गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र से लेकर 40-50 किलोमीटर के दायरे में बाघ विचरण करता है. हालांकि, अब तक बाघ द्वारा किसी को हानि नहीं पहुंचाई गई है और वन विभाग की टीम उस पर लगातार नजर रख रही है.
2023 में प्रभावित हुआ था कुदरगढ़ महोत्सव और चैत्र नवरात्र मेला
गौरतलब है कि पिछले वर्ष 2023 में चैत्र नवरात्रि व कुदरगढ़ महोत्सव के दौरान जंगल में लकड़ी लेने गए दो ग्रामीणों की बाघिन के हमले में मौत हो गई थी, जबकि एक व्यक्ति घायल हो गया था. इसके बाद वन विभाग ने बाघिन को रेस्क्यू किया था, लेकिन इस घटना के कारण कुदरगढ़ महोत्सव और चैत्र नवरात्र मेला प्रभावित हुआ था. इस बार प्रशासन पहले से सतर्क है और श्रद्धालुओं व स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है.