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विशाल आरस झारखंड के खूंटी से साइकिल पर भारत भ्रमण कर रहे हैं, 12 ज्योतिर्लिंग, 17 शक्तिपीठ और चारों धाम की यात्रा कर रहे हैं. उनका संदेश है “प्रदूषण न फैलाएं, हरियाली अपनाएं.”

साइकिल से भारत यात्रा पर निकले झारखंड के विशाल.
हाइलाइट्स
- विशाल आरस साइकिल से भारत भ्रमण पर निकले हैं.
- प्रदूषण न फैलाएं, हरियाली अपनाएं का संदेश दे रहे हैं.
- विशाल रोज़ाना 50-60 किलोमीटर साइकिल चलाते हैं.
गिरिडीह: कहते हैं अगर कुछ ठान लिया जाए तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं होती. ऐसा ही कुछ कर रहे हैं झारखंड के खूंटी जिले के रहने वाले विशाल आरस, जो इन दिनों साइकिल से पूरे भारत की यात्रा पर निकले हैं. उनका सपना सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को साइकिल से घूमने का है. इस सपने को पूरा करने के लिए वो अभी खुद को तैयार कर रहे हैं.
विशाल की यात्रा इस समय झारखंड के गिरिडीह और देवघर की ओर चल रही है. भारत भ्रमण के दौरान उनका लक्ष्य है कि वो देश के सभी 12 ज्योतिर्लिंग, 17 शक्तिपीठ, चारों धाम और हिमालय के बेस कैंप तक पहुंचें. इस पूरी यात्रा के जरिए वो न सिर्फ खुद को ट्रेन कर रहे हैं, बल्कि लोगों को एक खास संदेश भी दे रहे हैं- “प्रदूषण न फैलाएं, हरियाली को अपनाएं.”
हर दिन 50-60 किलोमीटर साइकिल चलाते हैं
विशाल रोज़ाना करीब 50 से 60 किलोमीटर की दूरी तय करते हैं. अब तक उन्होंने कई शहरों का सफर तय कर लिया है और इस यात्रा को पूरा करने में उन्हें लगभग डेढ़ साल का समय लग सकता है. वो इस सफर के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और उनके पास जरूरी सामानों के साथ एक टेंट भी है, ताकि जहां रात हो, वहीं रुक सकें. वो हर रात टेंट लगाकर सोते हैं और सुबह एक नई दिशा में सफर शुरू कर देते हैं.
लोग भी कर रहे मदद
लोकल18 से बातचीत में विशाल ने बताया कि इस सफर के दौरान उन्हें अब तक किसी तरह की कोई बड़ी परेशानी नहीं आई है. रास्ते में कई लोग उनकी मदद करते हैं. कोई खाना ऑफर करता है, तो कोई पानी देता है. उनका मानना है कि अगर आप सच्चे दिल से कुछ अच्छा करने निकलो, तो रास्ते में मदद करने वाले बहुत मिलते हैं.
विशाल अपनी इस यात्रा के वीडियो भी बना रहे हैं. उनका यूट्यूब चैनल “solowithcycle” नाम से है, जिस पर वो इस अनोखे सफर की झलकियां शेयर करते हैं. इसके जरिए वो और भी लोगों को इस तरह की यात्रा के लिए प्रेरित करना चाहते हैं.
20-25 किलो सामान के साथ सफर
इस पूरे सफर में विशाल अपने साथ 20 से 25 किलो तक का सामान लेकर चल रहे हैं, जिसमें जरूरी कपड़े, टेंट, खाने-पीने की चीजें और कुछ जरूरी औज़ार शामिल हैं. सुरक्षा का भी वो खास ध्यान रखते हैं.
पर्यावरण के लिए संदेश
इस यात्रा के पीछे विशाल का एक मकसद यह भी है कि लोग पर्यावरण के प्रति जागरूक हों. उन्होंने बताया कि पहले सिर्फ दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों में प्रदूषण की बातें होती थीं, लेकिन अब छोटे शहर और राज्य भी इससे अछूते नहीं हैं. झारखंड में भी तेजी से प्रदूषण बढ़ रहा है. इसलिए वो लोगों से अपील कर रहे हैं कि जितना हो सके, प्रदूषण कम करें और हरियाली को बढ़ावा दें.