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ISRO Selection: अम्बिकापुर नवोदय विद्यालय के छात्र हर्षित राज का चयन ISRO के ‘युविका 2025’ कार्यक्रम के लिए हुआ है. विद्यालय ने इस पर गर्व व्यक्त किया है. हर्षित ‘सतीश धवन स्पेस सेंटर, श्रीहरिकोटा’ में 14 दिवसी…और पढ़ें

इसरो में चयन हर्षित राज़
हाइलाइट्स
- ISRO के युविका 2025 कार्यक्रम में हुआ हर्षित राज का चयन
- 14 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में भाग लेंगे हर्षित
- हर्षित की उपलब्धि से विद्यालय और जिले का नाम हुआ रोशन
अम्बिकापुर. छत्तीसगढ़ के सरगुजा स्थित अम्बिकापुर नवोदय विद्यालय के कक्षा 10 वीं के छात्र हर्षित राज़ का चयन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन( ISRO) में हुआ. हर्षित के पिता पेशे से इंजीनियर हैं, हर्षित बड़ा होकर इसरो में वैज्ञानिक बनना चाहता है.
ग्रामीण आदिवासी बाहुल्य इलाके से रखते हैं ताल्लुक
हर्षित सरगुजा के ग्रामीण आदिवासी बाहुल्य इलाके से ताल्लुक रखते हैं. ऐसे में उनके लिए ये सफलता एक चुनौती से कम नहीं थी. लेकिन ‘कोशिश करने वालों कि कभी हार नहीं होती है’ ये पंक्ति को हर्षित राज़ ने सही साबित किया है. हर्षित के इसरो में चयन होने पर बहुत कुछ नया सीखने को मिलेगा जो उन्हें आगे वैज्ञानिक बनने में मदत करेगा.
सतीश धवन स्पेस सेंटर, श्रीहरिकोटा में 14 दिवसीय विशेष प्रशिक्षण
जवाहर नवोदय विद्यालय, अम्बिकापुर के कक्षा दसवीं के छात्र हर्षित राज का चयन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा संचालित ‘युवा वैज्ञानिक कार्यक्रम के तहत् युविका 2025’ के लिए हुआ है. हर्षित ‘सतीश धवन स्पेस सेंटर, श्रीहरिकोटा’ में 14 दिवसीय विशेष प्रशिक्षण शिविर में भाग लेंगे, जहां उन्हें अंतरिक्ष विज्ञान, तकनीकी खोजों एवं वैज्ञानिक सोच से सीधे रूबरू होने का अवसर मिलेगा.
युविका कार्यक्रम के तहत चयन
वहीं लोकल 18 कि टीम को हर्षित राज़ ने बताया कि उनका चयन इसरो में हुआ. जिसको लेकर वे बेहद खुश हैं और इसरो में चयन होने के बाद सबसे पहले उन्होंने विद्यालय के प्रचार्या, केमेस्ट्री टीचर को खासकर धन्यवाद दिया जिनके बदौलत आज़ उनका चयन इसरो में हुआ. हर्षित राज़ के मुताबिक इसरो युविका कार्यक्रम के तहत् अलग-अलग चयन प्रक्रिया होने के बाद उनका चयन हुआ है.
स्पेस सेेटेलाइट के बारे में गहराई से जानने का मौका
इसरो में जाने के बाद स्पेस सेेटेलाइट के बारे में गहराई से जानने का मौका मिलेगा जैसे कि ये डिजाइन कैसे होता है, लांच कैसे होता है, अंतरिक्ष में क्या क्या खोज हुआ है, उन सबके बारे में पता चलेगा और बहुत कुछ सीखने के साथ ज्ञान अर्जित होगा.
ऐरोस्पेंसिंग में जाने का था मन, अब वैज्ञानिक बनने की इच्छा
भारत के भविष्य को दुनिया में नम्बर वन बनना देखना चाहते हैं हालही में अभी भारत ने चंद्र यान 3 सफलतापूर्वक लांच किया मंगल ग्रह पर भी जाने और खोज करना चाहिए और भारत को अलग-अलग ख़ोज करके देशभर में टाप पर पहुंचाना चाहिए.
उपलब्धि ने विद्यालय एवं जिले का नाम किया रोशन
वहीं विद्यालय परिवार इस उपलब्धि से गौरवान्वित है. विद्यालय के प्राचार्य डॉ. एसके सिन्हा ने हर्षित को बधाई देते हुए अन्य विद्यार्थियों को भी वैज्ञानिक सोच एवं अनुसंधान के क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी. कार्यक्रम के समन्वयक एवं रसायन शास्त्र के प्रवक्ता राहुल मुद्गल ने हर्षित की इस सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं. हर्षित राज की इस उपलब्धि ने विद्यालय एवं जिले का नाम रोशन किया है.