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Betaleshwar Mahadev Almora Uttarakhand: वैसे तो देश में कई ऐसे मंदिर हैं, जो काफी प्राचीन और चमत्कारी हैं, लेकिन आज हम आपको भोलेनाथ के अल्मोड़ा में स्थित ऐसे मंदिर के बारे में बताने वाले हैं, जहां की मान्यता है…और पढ़ें

बेतालेश्वर महादेव स्वयंभू शिवलिंग
हाइलाइट्स
- बेतालेश्वर महादेव मंदिर अल्मोड़ा में स्थित है
- वैशाख में दर्शन से मनोकामना पूरी होती है
- कुंड में स्नान से भगवान की कृपा मिलती है
अल्मोड़ा: उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में ऐसे कई चमत्कारी और प्राचीन मंदिर हैं, जिनकी अपनी-अपनी मान्यताएं हैं. उन्ही मंदिरों में से एक प्राचीन मंदिर है बेतालेश्वर महादेव का. जो अल्मोड़ा नगर से तकरीबन 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. वैसे तो इस मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ हर समय लगी रहती है, पर वैशाख के महीने में यहां आने का अलग ही महत्व बताया जाता है. मान्यता है, जो भी वैशाख के महीने में भगवान भोलेनाथ के यहां दर्शन करता है, उसकी मनोकामना पूरी होती है. इसके अलावा ये भी मान्यता है, कि यहां पर स्थित कुंड में स्नान करने से भगवान भोलेनाथ की कृपा श्रद्धालुओं पर बनी रहती है. वहीं संतान प्राप्ति के अलावा धन, सुख, संपत्ति की भी मनोकामना भगवान बेताल नाथ पूरी करते हैं.
पुजारी ने दी जानकारी
पुजारी दिनेश चंद्र जोशी ने बताया, कि वैशाख के महीने में कोई भी श्रद्धालु भोलेनाथ के दरबार में आता है, उसकी मनोकामना अवश्य पूरा होती है. वे बताते हैं, यहां पर श्रद्धालु अगर 1 महीने तक बेतालेश्वर महादेव के शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं, तो उनके ऊपर भगवान भोलेनाथ की कृपा बनी रहती है.
मनोकामना होती है पूरी
वहीं, श्रद्धालु दीप जोशी ने बताया, कि वैसे तो इस मंदिर में शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के श्रद्धालु आते हैं पर वैशाख के महीने में भगवान बेताल नाथ के इस मंदिर में आने से लोगों की मनोकामना पूरी होती है. यहां पर स्थित कुंड में कोई भी श्रद्धालु अगर एक महीने तक स्नान करता है तो भगवान भोलेनाथ की कृपा उस पर बन जाती है और उनकी मनोकामना भी पूरी होती है. भगवान भोलेनाथ स्वयंभू शिवलिंग के रूप में विराजमान है. आगे उन्होंने बताया कि जब से उन्होंने होश संभाला है, तब से ही वह इस मंदिर में लगातार आते हैं.
श्रद्धालु उदय राज साह ने बताया, कि भगवान भोलेनाथ वैसे भी भोले हैं और उनकी कृपा जिस पर भी बन जाती है उसका उद्धार हो जाता है. वे बताते हैं, कि मंदिर में बचपन से ही आ रहे हैं और 40 साल आते हुए हो चुके हैं. यहां पर साक्षात भोलेनाथ विराजमान है. बताया जाता है यह मंदिर कस्तूरी शासन से स्थापित है. वहीं, अल्मोड़ा के बेतालेश्वर महादेव, विश्वनाथ और रत्नेश्वर महादेव मंदिर काफी प्राचीन है.
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