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Ballia News : कासिम बाजार में ऐतिहासिक जीत के बाद लोग फूले नहीं समा रहे. 10 दिनों तक चले विरोध-प्रदर्शन और भूख हड़ताल के बाद प्रशासन ने उनकी बात मान ली है. पूरे मोहल्ले में जश्न का माहौल है.

नाचते और झूमते हुए लोग…
हाइलाइट्स
- बलिया के कासिम बाजार में शराब दुकान हटाने पर जश्न.
- 10 दिनों के विरोध और भूख हड़ताल के बाद प्रशासन ने दुकान बंद कराई.
- मोहल्ले में त्यौहार जैसा का माहौल, मंदिर सजाई जा रही.
बलिया. ये बात थोड़ी अटपटी जरूर लगेगी, लेकिन हकीकत है. उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद के इस मोहल्ले में आज रात दिवाली मनाने की तैयारी हो रही है. लंबी लड़ाई के बाद यहां लोगों को ऐतिहासिक जीत मिली है. लड़ाई इतनी जोरदार थी कि आखिरकार जिला प्रशासन को बैकफुट पर आना पड़ा. पूरा माजरा शराब की दुकान और श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर से जुड़ा हुआ है. बलिया के कासिम बाजार स्थित मवेशी हॉस्पिटल निकट पंचमुखी हनुमान मंदिर के पांच कदम की दूरी पर शराब की दुकान खोली गई थी. इससे महिलाओं को मंदिर में आकर पूजा-पाठ करने में समस्याओं का सामना करना पड़ता था. ऐसे में लोगों ने यहां से शराब की दुकान हटाने की मांग की. इसी मांग को लेकर शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन 10 दिनों तक लगातार जारी रहा. इसमें प्रदर्शन के बाद भूख हड़ताल और मंदिर का कपाट बंद करने के साथ ही उसे काले तिरपाल से ढकना शामिल रहा.
मुसलमान की भूमिका
मोहल्ले वासियों (सागर सिंह राहुल, विजय प्रताप सिंह और दिव्यांग कृष्णा) ने बताया कि 10 दिनों के प्रदर्शन के बाद मिली कामयाबी ऐतिहासिक है. आज का दिन उनके लिए एक बड़ा पर्व है. दरअसल काफी दिनों तक धरना-प्रदर्शन चला. उसके बाद जिला प्रशासन के आश्वासन पर धरना खत्म कर पंचमुखी हनुमान मंदिर को काले तिरपाल से ढक दिया गया था. कहा गया कि जब शराब की दुकान बंद हो जाएगी तो इसे हटाकर जश्न मनाया जाएगा. हिंदुओं की इस लड़ाई में मुसलमानों ने भी बढ़-चढ़कर साथ दिया. आखिरकार जिला प्रशासन को शराब की दुकान बंद करानी पड़ी.
पूरे मोहल्ले में जश्न
आज पूरे मोहल्ले में खुशी का माहौल है. लोग नाचने के साथ-साथ हनुमान जी का जयजय कार कर रहे हैं. ढोल नगाड़े बजाने की तैयारी है. मंदिर को सजाया जा रहा है. यहां पूजा पाठ होने के बाद लोग अपने घरों पर जाकर दिवाली मनाएंगे. आज इस मोहल्ले की तस्वीर देखते ही बन रही है. हर कोई अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रहा है. कमेटी के लोगों ने बताया कि यहां चार दिनों तक लगातार जश्न का माहौल रहेगा. उसके बाद अखंड कीर्तन के बाद शनिवार को भव्य भंडारे का आयोजन किया जाएगा.