Tuesday, April 22, 2025
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उत्तराखंड के हर जिले में बनेगा एक संस्कृत ग्राम… धामी कैबिनेट ने लिया अनूठा फैसला; जानें ख़ासियत


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Uttarakhand Sanskrit Village: उत्तराखंड के हर जिले में एक संस्कृत ग्राम बनेगा, जहां प्रशिक्षक स्थानीय लोगों को संस्कृत सिखाएंगे. इस काम के लिए प्रशिक्षक को ₹20,000 मासिक वेतन मिलेगा. इस पहल का उद्देश्य संस्कृत …और पढ़ें

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उत्तराखंड

उत्तराखंड के हर जिले में होगा एक संस्कृत गांव

हाइलाइट्स

  • उत्तराखंड के हर जिले में बनेगा एक संस्कृत ग्राम.
  • प्रशिक्षक को प्रतिमाह ₹20,000 वेतन दिया जाएगा.
  • संस्कृत ग्रामों में विशेष कार्यक्रम चलाए जाएंगे.

देहरादून : उत्तराखंड की धरती सदियों से अध्यात्म, संस्कृति और ज्ञान की जननी रही है. यहां की गंगा-जमुनी तहज़ीब और आध्यात्मिक विरासत देश-विदेश तक प्रसिद्ध है. इसी सांस्कृतिक विरासत को और सशक्त बनाने के लिए धामी सरकार ने अब एक बेहद रोचक और अनूठी पहल की है. पिछले दिनों कैबिनेट बैठक में फैसला लिया गया है कि प्रदेश के सभी जिलों (Sanskrit Village) में एक-एक गांव को ‘संस्कृत ग्राम’ के रूप में विकसित किया जाएगा. यह फैसला न सिर्फ भाषाई विविधता को संरक्षित करने की दिशा में अहम कदम है, बल्कि यह राज्य की सांस्कृतिक पहचान को भी और अधिक चमकाने वाला साबित होगा.

सरकार की योजना के मुताबिक, प्रत्येक जिले में एक ऐसा गांव चिन्हित किया जाएगा, जिसे संस्कृत भाषा और संस्कृति के प्रचार-प्रसार का केंद्र बनाया जाएगा. यहां अगले 3 वर्षों तक एक प्रशिक्षक (इंस्ट्रक्टर) की नियुक्ति की जाएगी, जो स्थानीय लोगों को संस्कृत भाषा सिखाने और इसे व्यवहार में लाने का कार्य करेगा. इस प्रशिक्षक को प्रतिमाह ₹20,000 वेतन दिया जाएगा.

क्या है इस पहल का उद्देश्य?
इस पहल का उद्देश्य न केवल संस्कृत भाषा को जीवित रखना है, बल्कि इसे आम जनमानस की दैनिक भाषा बनाने की दिशा में भी बड़ा कदम माना जा रहा है. संस्कृत ग्रामों में स्कूली बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को भी इस भाषा से जोड़ने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जाएंगे. इससे ग्रामीण क्षेत्र में (Uttarakhand Cabinet) शैक्षिक और सांस्कृतिक स्तर पर एक नई चेतना का संचार होगा.

लेखा विभाग में भी बड़ा फेरबदल
कैबिनेट बैठक में एक अन्य अहम फैसला यह भी लिया गया कि अब प्रदेश के सभी विभागों में काम करने वाले लेखा संवर्ग के कर्मचारी ‘लेखा एवं हकदारी विभाग’ के अधीन लाए जाएंगे. इस व्यवस्था के तहत लेखा एवं हकदारी विभाग के निदेशक अब सभी लेखा संवर्ग कर्मियों के निदेशक होंगे. यह कदम प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए अहम माना जा रहा है.

अंतरराष्ट्रीय मंच पर मिलेगी नई पहचान
धामी सरकार की यह पहल राज्य की संस्कृति और प्रशासन, दोनों को एक नई दिशा देने का संकेत है. संस्कृत ग्राम की योजना उत्तराखंड को न सिर्फ शैक्षिक रूप से (Language Promotion) सशक्त बनाएगी, बल्कि इसकी सांस्कृतिक छवि को भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर नई पहचान देगी.

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