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satvik food aurangabad: लोग जब कहीं बाहर घूमने जाते हैं तो उनके सामने खाने की बड़ी दिक्कत होती है.

खाना खाने के लिए लगी लाइन
औरंगाबाद: बिहार का औरंगाबाद जिला भगवान सूर्य के मंदिर को लेकर काफी प्रसिद्ध है. यहां रोजाना हजारों की संख्या में भक्त पूजन दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. यहां आने वाले लोगों को आसानी से सस्ता और अच्छा भोजन मिल सके इसके लिए मदन मोहन मिश्रा बढ़िया काम कर रहे हैं. अपने काम के जरिए वो बढ़िया कमाई भी करते हैं और लोगों को सस्ते दाम में बढ़िया खाना भी खिला देते हैं. मदन मोहन अन्नपूर्णा नाम से भोजनालय चलाते हैं. वह रोजाना कम से कम 500 थाली भोजन की बिक्री करते हैं.
शुद्ध सात्विक भोजन की व्यवस्था
अन्नपूर्णा भोजनालय के संचालक मदन मोहन मिश्रा ने बताया कि उन्होंने साल 2024 में भोजनालय की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि औरंगाबाद के देव में स्थित भगवान सूर्य का मंदिर प्राचीन और ऐतिहासिक हैं. ऐसे में यहां आने वाले भक्तों के लिए पौष्टिक भोजन की कोई व्यवस्था नहीं थी. लोगों के पास फास्टफूड ही ऑप्शन था. उन्होंने कहा कि जैसे साउथ के मंदिरों के बाहर पौष्टिक और सात्विक भोजन की दुकान होती है ठीक उसी सोच के साथ हमने यहां पर अन्नपूर्णा भोजनालय की शुरुआत की हैं.
मात्र 20 रुपए में भरपेट भोजन
संचालक ने बताया कि यहां आने वाले ग्राहकों के लिए चावल, दाल, सब्जी, सलाद और पापड़ की व्यवस्था की जाती है. इसमें किसी भी प्रकार का लहसुन और प्याज का इस्तेमाल नहीं किया जाता. उन्होंने बताया कि यहां आने वाले लोग सिर्फ़ 20 रुपए में भरपेट भोजन का आनंद ले सकते हैं. यहां रोजाना लगभग 500 से अधिक लोग भोजन करने के लिए आते हैं.
संचालक ने बताया कि शुरुआत में लोग कम आते थे लेकिन धीरे धीरे स्थानीय लोगों के साथ ही बाहर के लोगों का आना भी शुरू हो गया. उन्होंने बताया कि यहां 5 से अधिक मिस्त्री खाना बनाने का काम करते हैं. सभी को महीने की सैलरी दी जाती है. अन्नपूर्णा भोजनालय की तरफ़ से चैत्र छठ और कार्तिक छठ पर्व के अवसर पर निशुल्क भोजन का वितरण भी किया जाता है. उन्होंने कहा कि इस व्यवसाय में पैसे से ज्यादा सेवा करने का सुख प्राप्त होता है.