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दिलीप कुमार कंवर ने छत्तीसगढ़ के कोरबा में बंजर जमीन को उपजाऊ बनाकर सूरजमुखी और मूंगफली की खेती से ढाई लाख रुपये कमाए. उनकी मेहनत से अन्य किसान भी प्रेरित हुए.

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हाइलाइट्स
- दिलीप ने बंजर जमीन पर सूरजमुखी और मूंगफली की खेती की.
- तीन एकड़ खेत में दोहरी खेती से दो से ढाई लाख का मुनाफा.
- दिलीप की सफलता से गांव के अन्य किसान भी प्रेरित हुए.
कोरबा. छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के भटगांव में एक किसान ने अपनी मेहनत और लगन से बंजर जमीन को उपजाऊ बनाकर ‘पीला सोना’ उगाया है. आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले दिलीप कुमार कंवर की यह प्रेरणादायक कहानी न केवल उनकी जिंदगी बदल रही है, बल्कि दूसरे किसानों के लिए भी एक मिसाल बन रही है.
दिलीप ने उस जमीन पर सूरजमुखी की खेती की है, जो कभी बंजर हुआ करती थी. उन्होंने सबसे पहले जमीन की गहरी जुताई की और फिर जैविक खाद का इस्तेमाल करके उसे उपजाऊ बनाया. कड़ी मेहनत के बाद जब जमीन फसल के लिए तैयार हो गई, तो उन्होंने उसमें सूरजमुखी के बीज बोए. भीषण गर्मी में भी दिलीप के खेत में सूरजमुखी के फूल लहलहा रहे हैं. सूरजमुखी के फूलों की खासियत यह है कि वे सूर्य की दिशा में ही खिले रहते हैं. दिलीप ने भी सूरजमुखी की फसलों से प्रेरणा लेकर अपनी फसलों की देखभाल की.
दो से ढाई लाख हो रहा मुनाफा
लेकिन दिलीप की खेती यहीं तक सीमित नहीं है. उन्होंने सूरजमुखी के साथ-साथ मूंगफली की फसल भी लगाई है. इस तरह वे एक ही समय में दोहरी खेती कर रहे हैं. दिलीप ने बताया कि उन्होंने तीन एकड़ खेत में यह फसल लगाई है. इसके अलावा, उन्होंने मेड़ों पर भी सूरजमुखी के फूल लगाए हैं. मेड़ों के नीचे मूंगफली की फसल भी लगाई है.
दिलीप ने फरवरी में खेती शुरू की थी और मई में फसल काटने की तैयारी है.उन्हें उम्मीद है कि मूंगफली और सूरजमुखी दोनों से तेल निकालकर दो से ढाई लाख रुपये का मुनाफा होगा.उन्होंने बताया कि पहले उनका खेत पूरी तरह से बंजर था और उसमें कुछ भी नहीं उगाया जा सकता था. लेकिन खेतों की महीनों तक जुताई करने और जैविक खाद डालने के बाद उन्होंने इसे उपजाऊ बनाया.
बंजर जमीन को बनाया उपजाऊ
दिलीप की सफलता से गांव के दूसरे किसानों को भी प्रेरणा मिली है. आज भटगांव के लगभग 10 किसान 30 एकड़ में सूरजमुखी के फूल लगा रहे हैं. कुछ किसानों की फसल अच्छी हुई है, जबकि कुछ किसानों के फूलों के साइज छोटे हैं. सूरजमुखी के फूल का आकार जितना बड़ा होगा, उससे उतना ही अधिक तेल निकलेगा.हालांकि अब इस गांव के किसानों ने दिलीप से प्रेरणा लेकर सूरजमुखी के फूल की खेती शुरू कर दी है. दिलीप की कहानी साबित करती है कि मेहनत और लगन से बंजर जमीन को भी उपजाऊ बनाया जा सकता है और किसानों की जिंदगी बदली जा सकती है.