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US China War: ऑस्ट्रेलिया ने चीन की नौसैनिक गतिविधियों के जवाब में ‘वुल्फ पैक’ रणनीति के तहत पनडुब्बी शिकार बेड़ा तैनात किया है. चार Anzac-कैटेगरी की फ्रिगेट्स को हाईलेवल एंटी-सबमरीन ट्रेनिंग दी जा रही है.

ऑस्ट्रेलिया ने चीन को पस्त करने के लिए रणनीति बना ली है. (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
- ऑस्ट्रेलिया ने चीन के सबमरीन को बर्बाद करने की रणनीति बनाई.
- हिंद महासागर में अमेरिका के ‘दोस्त’ की तरकीब चीन को भारी पड़ेगी.
- ऑस्ट्रेलिया की मदद से अमेरिका हिंद महासागर में चीन पर दबाव बना सकेगा.
नई दिल्ली. ऑस्ट्रेलिया ने हाल ही में पनडुब्बियों का शिकार करने की अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए एक बेड़े को ‘वुल्फ पैक’ के रूप में तैनात किया है. यह कदम चीन द्वारा दक्षिण प्रशांत महासागर के चारों ओर नौसेना की गतिविधियों के बाद उठाया गया है. ‘वुल्फ पैक’ एक नौसैनिक युद्ध रणनीति (Naval Combat Tactic) थी जिसका मुख्य रूप से द्वितीय विश्व युद्ध में अमेरिकी और जर्मन पनडुब्बियों द्वारा इस्तेमाल किया गया था. इस रणनीति में उन्होंने काफिलों पर अपने साथी देशों के साथ तालमेल कर हमले किए थे.
क्यों है यह बेहद अहम
ऑस्ट्रेलिया, जो अमेरिका की चीन के खिलाफ समुद्री रोकथाम रणनीति के तहत दूसरे और तीसरे आईलैंड चेन के बीच स्थित है, दो वॉशिंगटन-नेतृत्व वाले समूहों का सदस्य है: फाइव आईज इंटेलिजेंस एलायंस और क्वाड, जो चार इंडो-पैसिफिक देशों का एक रणनीतिक गठबंधन है. अमेरिका की आईलैंड चेन रणनीति ने पश्चिमी प्रशांत महासागर में चीन की नौसैनिक गतिविधियों को सीमित करने में बहुत कम सफलता पाई है. फरवरी के मध्य से मार्च की शुरुआत तक, चीनी सेना ने एक विध्वंसक, एक फ्रिगेट और एक जहाज को ऑस्ट्रेलिया के चारों ओर भेजा था. चीनी नौसैनिक यात्रा के दौरान, एक ऑस्ट्रेलियाई सैन्य अधिकारी ने स्थानीय मीडिया को बताया कि चीनी बेड़े ने संभवतः एक परमाणु-संचालित पनडुब्बी तैनात की थी.
क्या जानना जरूरी है?
गुरुवार को जारी एक प्रेस रिलीज में, ऑस्ट्रेलियाई डिफेंस डिपार्टमेंट ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया की नौसेना ने इस महीने अपनी सात में से चार Anzac-कैटेगरी की फ्रिगेट्स को हाईलेवल एंटी-सबमरीन वॉर फाइटिंग ट्रेनिंग के लिए तैनात किया है, जिसका कोडनेम ASWEX 25 है, जो देश के पश्चिमी तट के पास हिंद महासागर में हो रहा है. प्रेस रिलीज में Anzac-कैटेगरी की फ्रिगेट को “घातक ग्रे वुल्फ” कहा गया. जबकि वॉरशिप लंबे समय तक स्वतंत्र रूप से ऑपरेट करने में सक्षम है, ट्रेनिंग के लिए इसे ग्रुप में ऑपरेट किया गया.
एनुअल ट्रेनिंग के दौरान, HMAS Warramunga और इसके साथी जहाज—HMAS Toowoomba, HMAS Stuart, और HMAS Arunta—ने “युनाइटेड फ्रिगेट फोर्स” का गठन किया ताकि पनडुब्बियों का शिकार किया जा सके, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि ऑस्ट्रेलियाई नौसेना देश और उसके हितों की पूरी तरह से रक्षा करने में सक्षम है. प्रेस रिलीज में कहा गया, “उन्हें ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के MH-60R हेलीकॉप्टरों और ऑस्ट्रेलियाई और न्यूजीलैंड वायु सेनाओं के P-8A समुद्री गश्ती विमान द्वारा समर्थन दिया गया. इससे “समुद्री नियंत्रण और दूसरे मिशनों के लिए एक खास फोर्स तैयार करने में मदद मिली.”