Thursday, April 17, 2025
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ताजमहल किसकी जमीन पर बना, पहले वहां क्या था, 22 कमरों में दफ्न है राज?


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Taj Mahal Agra: मुगल सम्राट शाहजहां के दरबारी इतिहासकार अब्दुल हमीद लाहौरी ने अपनी किताब “बादशाहनामा” में जिक्र किया है कि ताजमहल किसकी जमीन पर बना है. इसके साथ ही अन्य इतिहासकारों ने इस बात की पुष्टी की है. ता…और पढ़ें

ताजमहल किसकी जमीन पर बना, पहले वहां क्या था, 22 कमरों में दफ्न है राज?

ताजमहल.

आगराः दुनिया में पुरानी इमारतें सालों का इतिहास, किस्से, कहानियां और तमाम राज अपने भीतर समेटे हुए हैं. उनकी दीवारें गुजारे जमाने की दास्तां बयान करती हैं. ताजमहल को लेकर वर्तमान में कई दावे किए जा रहे हैं, कोई हिंदू मंदिर होने का दावा करता है, तो किसी कहना है कि उसके बंद कमरों में शिवलिंग और हिंदू मंदिर होने के साक्ष्य हैं, जबकि इतिहास में दावा किया जाता है कि ताजमहल को मुगल बादशाह शाहजहां ने बनवाया. यह किसकी जमीन पर बना, उससे पहले वहां क्या था? इमारत के 22 कमरे साल 1934 से क्यों नहीं खोले गए? आगे पढ़िए सभी सवालों के जवाब…

किसकी जमीन पर बना ताजमहल
मुगल सम्राट शाहजहां के दरबारी इतिहासकार अब्दुल हमीद लाहौरी ने अपनी किताब “बादशाहनामा” में जिक्र किया है कि यह जमीन पहले राजपूत राजा जयसिंह की थी. लाहौरी ने उल्लेख किया कि शाहजहां ने ताजमहल के निर्माण के लिए राजा जयसिंह से यह जमीन ली और बदले में उन्हें आगरा में चार हवेलियां दीं थीं. यह विवरण 17वीं सदी के ऐतिहासिक दस्तावेजों में मिलता है. इसके अलावा, कुछ आधुनिक इतिहासकारों जैसे एबा कोच और जाइल्स टिलोट्सन ने इस बात की पुष्टि की है कि यह जमीन पहले राजा जयसिंह की थी.

पहले उस जमीन पर क्या था
ताजमहल से पहले इस जमीन को लेकर के तर्क सामने आते हैं. इतिहासकारों के कहना है कि यह एक खाली भूखंड था, जो यमुना नदी के किनारे होने के कारण रणनीतिक और सौंदर्य के लिए पर्याप्त था. कुछ इतिहासकारों का कहना है कि वहां पहले कुछ छोटी संरचनाएं या बगीचे हो सकते थे, लेकिन कोई ठोस प्रमाण नहीं है. ताजमहल का निर्माण 1632 में शुरू हुआ और 1653 में पूरा हुआ, जिसके लिए इस स्थान को विशेष रूप से चुना गया.

ताजमहल के 22 कमरों में क्या छिपा
ताजमहले के 22 कमरे कई दशकों से बंद हैं. इतिहासविदों के अनुसार मुख्य मकबरे और चमेली फर्श के नीचे 22 कमरे हैं, जो अभी तक बंद हैं. इन कमरों को मुगल काल से ही बंद रखा गया. उन्हें आखिरी बार साल 1934 के समय खोला गया था. उस दौरान इन्हें केवल निरीक्षण के लिए खोला गया था. फिर दोबारा बंद कर दिया गया. ताजमहल फर्श पर यमुना की ओर बनी दो सीढ़ियां हैं, जिनके ऊपर लोहे का जाल बिछाया हुआ है. ताजमहल की संगमरमर की संरचना की पहली मंजिल पर स्थित कमरे हैं. इस ऊपरी मंजिल की ओर जाने वाली 2 सीढिया शाहजहां के समय से ही बंद हैं. कई सिद्धांतकारों का कहना है कि ताजमहल के बेसमेंट में बने कमरे मार्बल के हैं. कहा जाता है कि तहखाने में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा अगर बढ़ती है, तो वो कैल्शियम कार्बोनेट में बदल सकती है. कार्बन डाइऑक्साइड मार्बल्स को पाउडर का रूप देना शुरू कर देते हैं और इसकी वजह से दीवारों को नुकसान पहुंच सकता है. ताजमहल की दीवारों को नुकसान से बचाने के लिए यहां के तहखानों को बंद किया गया है.

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