Tuesday, April 22, 2025
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पलामू की ‘मेहता पौधशाला’: जहां 2000 से शुरू हुआ पौधों का सफर, आज हर मौसम में 25,000 पौधों की हरियाली बिखेर रही है


पलामू के कुंदरी गांव में जब कोई डाल्टनगंज-पांकी रोड से गुजरता है, तो एक हरियाली से घिरी जगह खुद-ब-खुद ध्यान खींचती है. यह कोई आम बगिया नहीं, बल्कि नवनीत मेहता की मेहनत से खड़ी की गई ‘मेहता पौधशाला’ है, जिसकी जड़ें अब पूरे पलामू जिले और आस-पास के जिलों तक फैल चुकी हैं.

इस नर्सरी की शुरुआत आज से लगभग पांच साल पहले मात्र 2000 पौधों से हुई थी. लेकिन आज यहां पर 25 से 30 हजार पौधे उपलब्ध हैं, जिनमें करीब 70 से 80 किस्में हैं सभी थोक दरों पर, हर किसान और बागवानी प्रेमी के बजट में.

नवनीत मेहता बताते हैं कि पेड़ों से उनका लगाव विरासत में मिला. उनके पिता वन विभाग में कार्यरत थे और वहीं से पौधों के प्रति गहरा जुड़ाव पैदा हुआ. इसी जुनून ने उन्हें पौधशाला की ओर प्रेरित किया. शुरुआत में वे आम, अमरूद और नींबू जैसे पारंपरिक फलों के पौधे मात्र 20-50 रुपये में बेचते थे. आज उनकी नर्सरी में आपको आम की दशहरी, मालदह, आम्रपाली, स्वर्णरेखा और हिमसागर जैसी दुर्लभ और खास किस्में भी मिल जाएंगी.

यहां मिलने वाले पौधे केवल फलदार ही नहीं, बल्कि सजावटी और औषधीय भी हैं. बैंगन का 12 मासी हाइब्रिड पौधा, जो सिर्फ 40 रुपये में मिलता है और 4 से 5 साल तक फल देता है, लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय है.

नर्सरी सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक खुली रहती है और जून-जुलाई के सीजन में यहां पलामू, गढ़वा, लातेहार समेत दूर-दराज के ग्राहक पौधे खरीदने आते हैं.

नवनीत के इस प्रयास ने न सिर्फ एक व्यवसाय को जन्म दिया, बल्कि हरियाली को बढ़ावा देकर पर्यावरण के प्रति लोगों की जागरूकता भी बढ़ाई है. वे कहते हैं, “हमारा उद्देश्य सिर्फ पौधे बेचना नहीं, बल्कि हर घर में एक पेड़ लगवाना है.’’ यदि आप भी इस पौधशाला से पौधे लेना चाहते हैं, तो 9572943535 पर संपर्क कर सकते हैं.



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