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Hazaribagh News: हजारीबाग में बाल विवाह की चार घटनाओं को जिला प्रशासन और बाल संरक्षण इकाई ने समय रहते रोक दिया. एक घर में बारात तक आ चुकी थी, लेकिन चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर सूचना मिलते ही कार्रवाई की गई. अधिकार…और पढ़ें

प्रतीकात्मक फोटो
हाइलाइट्स
- पुलिस ने चार बाल विवाह रोके.
- नाबालिग दुल्हनों को बचाया गया.
- चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर मिली सूचना.
हजारीबाग. हजारीबाग जिले के चार अलग-अलग घरों में शादी की तैयारी चल रही थी. एक घर ऐसा भी था जहां बारात आ चुकी थी. लेकिन इसी बीच अचानक पुलिस मौके पर पहुंची और दूल्हा-दुल्हन को अपने साथ ले गई. दरअसल, इन चारों मामलों में दुल्हन नाबालिग थी और बाल विवाह की तैयारी की जा रही थी. जिला प्रशासन और बाल संरक्षण इकाई को इसकी जानकारी मिलते ही उन्होंने तुरंत कार्रवाई की और चारों बाल विवाह रुकवा दिए.
बाल विवाह एक गंभीर अपराध है. इसके बावजूद कई परिवार अपनी नाबालिग बेटियों की शादी करने की कोशिश करते हैं. बुधवार को हजारीबाग में ऐसे ही चार मामलों का खुलासा हुआ. प्रशासन और बाल संरक्षण इकाई की तत्परता से नाबालिग बच्चियों को बाल विवाह से बचा लिया गया.
शादी से एक घंटे पहले पहुंची टीम
टाटीझरिया प्रखंड में तो शादी से सिर्फ एक घंटे पहले कार्रवाई हुई. यहां टीम ने मौके पर पहुंचकर बच्ची की शादी रुकवाई. वहीं विष्णुगढ़ प्रखंड के अलखरीखुर्द गांव में दसवीं कक्षा की छात्रा की शादी 19 अप्रैल को बगोदर में तय थी. समय रहते उसे भी बाल विवाह से बचा लिया गया.
1098 पर कॉल से मिली सूचना
इन सभी मामलों में चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर मिली सूचना के आधार पर कार्रवाई की गई. बुधवार को जिले में दो अन्य बाल विवाह को भी रोका गया.
जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी ने की अपील
जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी संजय प्रसाद ने बताया कि एक दिन में चार बच्चियों का भविष्य बिगड़ने से रोका गया. परिजन बाल विवाह करवा कर बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. उन्होंने आम लोगों से अपील की कि यदि कहीं भी बाल विवाह की जानकारी मिले तो तुरंत 1098 पर कॉल करें.
कानूनी कार्रवाई का भी हो सकता है सामना
उन्होंने यह भी बताया कि बाल विवाह की प्रक्रिया में शामिल किसी भी व्यक्ति पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है. बचपन में शादी करने से बच्चियों की मानसिक और शारीरिक सेहत पर बुरा असर पड़ता है. केंद्र और राज्य सरकार ने बाल विवाह रोकने के लिए सख्त कानून बनाए हैं और अधिकारी तैनात किए हैं ताकि ऐसी घटनाएं समय रहते रोकी जा सकें.