गुमला: गर्मी का मौसम आ गया है और इसका असर गुमला जिले में भी दिखने लगा है. इसे देखते हुए जिले के सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को तेज धूप और लू से बचाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. उपायुक्त गुमला के निर्देशानुसार झारखंड शिक्षा परियोजना गुमला द्वारा जिला शिक्षा अधीक्षक नूर आलम खां और जिला शिक्षा पदाधिकारी कविता खलखो ने निर्देश जारी किए हैं.
1. सभी स्कूलों के कक्षाओं में पंखे की व्यवस्था सुनिश्चित करें. जिन स्कूलों में पंखे नहीं हैं, वहां पंखे लगवाएं और पहले से लगे पंखों को चालू हालत में रखें.
2. सभी स्कूलों में बिजली की व्यवस्था होनी चाहिए. जिन स्कूलों में बिजली का कनेक्शन नहीं है, वे बिजली विभाग के कनीय अभियंता से संपर्क कर सभी दस्तावेज भरकर बिजली की व्यवस्था कराएं.
3. अत्यधिक गर्मी की स्थिति में बच्चों को नींबू पानी, चीनी-नमक का घोल, चना-गुड़, कच्चे आम और सत्तू का शरबत पीने के लिए प्रेरित करें और मध्याह्न भोजन योजना में भी इसकी व्यवस्था करे.
4. ठंडे पानी के लिए मटका या मिट्टी के घड़े में पानी रखें और उसे कपड़े से ढक कर सुरक्षित रखें. बच्चों को हीट स्ट्रोक से बचाने के लिए ज्यादा पानी पीने के लिए प्रेरित करें.
5. बच्चों को खुले मैदान या धूप में मध्याह्न भोजन कराने की बजाय छायादार जगह पर भोजन कराएं.
6. बच्चों को गर्मी से बचाने के लिए सिर पर तौलिया या सफेद कपड़ा ढकने के निर्देश दें.
7. जो बच्चे मध्याह्न भोजन में अंडा नहीं खाते, उन्हें केला, सेव, तरबूज, संतरा आदि फल दें.
8. स्कूलों में क्रियाशील शौचालय और शुद्ध पेयजल की उचित व्यवस्था हो.
9. बच्चों को यूरिन का रंग चेक करने के लिए जागरूक करें। यूरिन का रंग ज्यादा पीला होने पर उन्हें ज्यादा पानी पीने के लिए प्रेरित करें.
10. सरकारी अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या उप स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क कर सभी स्कूलों में एएनएम, सहिया और चिकित्सक के समन्वय में मुफ्त ओआरएस घोल की व्यवस्था करें और जरूरत के अनुसार बच्चों की चिकित्सीय जांच और दवाई की व्यवस्था कराएं.
11. बच्चों को मसालेदार, तैलीय और उच्च नमक वाले पदार्थों का सेवन नहीं करने की सलाह दें. उन्हें खाली पैर नहीं रहने और जूता-मोजा पहनकर स्कूल आने के लिए प्रेरित करें। तेज धूप में किसी भी प्रकार के खेल या अन्य कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाएं.
12. स्कूल हेल्थ एंड वेलनेस प्रोग्राम के तहत प्रशिक्षित बच्चों और शिक्षकों के माध्यम से सभी बच्चों को गर्मी से बचाव के संबंध में जागरूक करें.