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Shubhanshu Shukla: शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना के पायलट हैं और मई 2025 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय होंगे. वह Axiom Mission 4 का हिस्सा हैं.

Ax-4 मिशन में शुभांशु शुक्ला का चयन भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. (फोटो @Axion_Space))
हाइलाइट्स
- शुभांशु शुक्ला मई 2025 में ISS पर जाने वाले पहले भारतीय होंगे.
- शुक्ला Axiom Mission 4 का हिस्सा हैं.
- शुक्ला अंतरिक्ष में मानव शरीर पर रिसर्च करेंगे.
Shubhanshu Shukla: भारतीय वायुसेना के पायलट शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीयअंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर जाने के लिए तैयार हैं. भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय होंगे. उनकी उड़ान मई 2025 में तय है. शुक्ला Axiom Mission 4 (Ax-4) का हिस्सा हैं. इस मिशन का संचालन Axiom Space कर रही है. यह एक निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन है.
शुभांशु शुक्ला का चयन भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. क्योंकि वह 1984 में राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय होंगे. शुभांशु भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन हैं. उन्हें Ax-4 मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्री और मिशन पायलट के रूप में चुने गए हैं. यह मिशन ऐतिहासिक है और भारत के अंतरिक्ष में कदम रखने की यात्रा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है. इस मिशन में उनके साथ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री भी होंगे. मिशन में उनके साथ दो मिशन एक्सपर्ट्स पोलैंड से स्लावोज़ उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के टिबोर कापू होंगे.
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भारत के गगनयान कार्यक्रम के लिए महत्वपूर्ण है Ax-4 मिशन
शुभांशु Ax-4 मिशन में चयन भारत के गगनयान कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. बता दें कि गगनयान भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष कार्यक्रम है. इसमें एक से तीन अंतरिक्ष यात्रियों को निचले पृथ्वी कक्षा (LEO) में तीन दिनों के लिए भेजने की योजना है. Ax-4 पर शुभांशु शुक्ला का मिशन उन्हें भारत, नासा और Axiom Space के साथ अनुभव शेयर करने का मौका देगा. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का अन्य अंतरिक्ष एजेंसियों के साथ यह सहयोग भारत की अंतरिक्ष में क्षमता को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. Ax-4 के लिए शुभांशु शुक्ला का चयन गगनयान मिशन से पहले एक महत्वपूर्ण सीखने का अनुभव भी है.
अंतरिक्ष में क्या करेंगे शुभांशु
अंतरिक्ष में शुभांशु शुक्ला मानव शरीर, विशेष रूप से जोड़ों, रक्त प्रवाह, स्टेम सेल, कैंसर के विकास और रेडिएशन जोखिम पर अंतरिक्ष यात्रा के प्रभाव पर रिसर्च करेंगे. यह रिसर्च पृथ्वी पर हेल्थ और ट्रीटमेंट में सुधार कर सकते हैं. वे माइक्रोग्रैविटी के प्रभाव और अंतरिक्ष में मानव अनुकूलन पर भी काम करेंगे.
NASA का क्या है फ्यूचर प्लान?
Axiom Space ने पहले तीन निजी अंतरिक्ष यात्री मिशनों को सफलतापूर्वक पूरा किया है. इसमें साल 2022 में ISS के 17 दिनों का मिशन और जनवरी 2024 का 18 दिनों का मिशन शामिल है. आगे Axiom Station जो एक स्थायी कमर्शियल स्पेस स्टेशन है, रिसर्च, मैन्युफैक्चरिंग और मानव अंतरिक्ष उड़ान के लिए एक प्लेटफार्म प्रदान करेगा. नासा ISS पर कमर्शियल मिशनों का फायदा उठाकर कम लागत वाली अंतरिक्ष पहुंच विकसित करना चाहता है. ताकि वह मंगल ग्रह की तैयारी में चंद्रमा के आगामी आर्टेमिस मिशन पर ध्यान केंद्रित कर सके.