Thursday, April 17, 2025
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मौत को मात! खेल-खेल में जिंदगी ने लिया ऐसा मोड़ कि इंसानी मूर्ति बन गई लड़की, 37 सर्जरी के बाद भी नहीं मानी हार


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Woman Inspirational Story: जिंदगी में कई मौके आते हैं जहां लोग तुरंत हार मान लेते हैं और मौत को गले लगाने से नहीं चूकते है. मगर, इस लड़की ने मौत को मात दिया और ऐसी जिंदगी जीने पर मजबूर है कि जहां वह ना तो हिल स…और पढ़ें

खेल-खेल में जिंदगी ने मारी ऐसी पलटी कि मूर्ति बनी लड़की, फिर नहीं मानी हार

जिंदादिली की मिसाल हैं मेगन किंग.

Woman Inspirational Story: मेगन किंग की कहानी किसी काल्पनिक कहानी से कम नहीं है. इनकी कहानी न केवल चौंकाने वाली है, बल्कि प्रेरणादायक है. हजारों लाखों को जीने के लिए प्रकाश-पुंज है. 20 साल पहले एक हादसे में उनकी जिंदगी हमेशा के लिए बदल गई थी. स्थिति ऐसी हो गई थी कि उनके ‘आंतरिक सिर काटने’ (इंटरनल डिकैपिटेशन) की स्थिति हो गई थी. उनको बचाने का मात्र यही एक रास्ता बचा था. 37 सर्जरी और अनगिनत शारीरिक कष्ट के बाद वह अपने नए शरीर के साथ जीने की कला सीख रही हैं.

मेगन ने अपने जिंदगी के बारे में अंग्रेजी समाचार पत्र डेली मेल से बात की. 2005 में 16 साल की थीं, तब जिम क्लास में एक बॉल के लिए कूद रही थी. वह गिर गईं, टखना मुड़ गया. हालांकि, असल चोट सोच से ज्यादा गंभीर थी. अंदर ही अंदर दोनों कंधों की मांसपेशियां फट गईं. रीढ़ की हड्डी को भी चोट पहुंचा. शरीर का हालत ठीक होने के बजाय बिगड़ता चला गया. अगले कुछ सालों में उनके शरीर के ज्वाइंट कमजोर होने लग गए, अंदरूनी मांसपेशियां फटने लगीं और असहनीय दर्द होने लगे.

सर्जरी के दौरान मेगन

22 सर्जरी मगर दर्द से राहत नहीं
दर्द जब असहनीय हो गया तो मेगन ने अपने कंधों और ऊपरी पीठ पर अकेले 22 सर्जरी कराई. डॉक्टर भी समझ नहीं पाए कि उनका शरीर ठीक क्यों नहीं हो रहा. हादसे के पूरे 10 साल बाद 2015 में उन्हें हाइपरमोबाइल एहलर्स-डैनलोस सिंड्रोम (hEDS) का पता चला. यह एक दुर्लभ जेनेटिक बीमारी है, जो संयोजी ऊतकों को कमजोर करती है और जोड़ों को अस्थिर बनाती है.





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