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Bilaspur GGU Namaz Controversy: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर की गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी में एनएसएस कैंप में हिंदू छात्रों को जबरन नमाज पढ़ाने के मामले में विवाद जारी है. छात्रों और हिंदूवादी संगठनों ने दोषियों पर सख्…और पढ़ें

CG News: बिलासपुर GGU में छात्रों का प्रदर्शन.
हाइलाइट्स
- छत्तीसगढ़ सेंट्रल यूनिवर्सिटी में हंगामा
- बिलासपुर GGU में छात्रों ने किया हंगामा
- हिंदू छात्रों को जबरन नमाज पढ़ाने का आरोप
उमेश मौर्य
बिलासपुर. छत्तीसगढ़ की सेंट्रल यूनिवर्सिटी के एनएसएस कैंप में हिंदू छात्रों को जबरदस्ती नमाज पढ़ाने के मामले में हो रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. बुधवार को गुरु घासीदास विश्विद्यालय के छात्रों और हिंदूवादी संगठन ने यूनिवर्सिटी में जमकर हंगामा किया. इतना ही नहीं स्टूडेंट्स ने इस मामले में शामिल दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की और जबरदस्त प्रदर्शन किया. इस दौरान छात्रों ने GGU नहीं बनेगा JNU के नारे भी लगाए. दरअसल, छात्रों ने आरोप लगाया है कि एनएसएस कैंप में जबरन नमाज पढ़ाई गई है. ये कैंप 26 मार्च से 1 अप्रैल तक आयोजित किया गया था.
इस एनएसएस कैंप में विश्विद्यालय के 159 छात्र शामिल हुए थे. 159 में से सिर्फ 4 छात्र मुस्लिम थे. बाकी सभी हिंदू थे. छात्रों का आरोप है कि 30 मार्च को ईद के दिन जबरदस्ती उनसे नमाज पढ़वाई गई. छात्रों की लिखित शिकायत के बाद मामले की जांच हो रही है.
जानें क्या है पूरा मामला
दरअसल, यूनिवर्सिटी के NSS कैंप में 155 हिंदू छात्र शामिल थे. छात्रों ने आरोप लगाया है कि उन्हें जबरन नमाज पढ़वाया गया. इसके बाद छात्रों ने इस मामले में पुलिस से शिकायत कर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. विवाद सामने आया तो यूनिवर्सिटी में हड़कंप मच गया. फिर GGU कुलपति ने मामले का संज्ञान लेते हुए 4 सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी. कुलपति प्रो. आलोक चक्रवाल ने इस मामले की जांच के लिए 4 सदस्यों की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी गठित की है, जिसे 24 घंटे में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए. इतना ही नहीं पुलिस ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है. एसएसपी रजनेश सिंह ने जांच के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई की बात कही है.
छात्रों का आरोप है कि 30 मार्च को ईद के दिन 4 मुस्लिम छात्रों के साथ 155 हिंदू छात्रों को भी मंच पर बुलाकर नमाज अदा करवाई गई. छात्रों ने आरोप लगाया कि योग क्लास के बहाने उन्हें नमाज के तौर-तरीके सिखाए गए. मोबाइल पहले ही जमा करा लिया गया था ताकि कोई सबूत न बन सके. छात्रों ने इसे धर्मांतरण की साजिश बताते हुए मानसिक रूप से परेशान करने और ब्रेनवॉश करने का भी आरोप लगाया है.