Char Dham Yatra: चारधाम यात्रा केवल आस्था का प्रतीक नहीं, अब यह उत्तराखंड में पर्यावरणीय जिम्मेदारी की पहचान भी बनने जा रही है. इस साल यात्रा को ना केवल सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने की तैयारी हो रही है, बल्कि एक बड़ा लक्ष्य है चारधाम यात्रा को प्लास्टिक फ्री बनाना. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Pollution Control Board) ने इस दिशा में एक खास रणनीति तैयार की है, ताकि लाखों श्रद्धालु पर्यावरण संरक्षण में भी भागीदार बन सकें. इस बार यात्रा के साथ-साथ सफाई, समझदारी और सख्ती की तीन स्तरीय मुहिम भी साथ चलेगी.
‘जागरूकता’ से होगी शुरुआत
उत्तराखंड आने वाले श्रद्धालुओं और स्थानीय नागरिकों को प्लास्टिक कचरे (Plastic Free) के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक किया जाएगा. यात्रा मार्गों पर होर्डिंग, ऑडियो संदेश और वॉल पेंटिंग के माध्यम से संदेश दिया जाएगा, जैसे– ‘देवभूमि को प्लास्टिक मुक्त बनाएं’. इसके अलावा, टैक्सी चालकों और यात्रियों को गाड़ियों में कचरा बैग रखने की सलाह दी जा रही है. प्लास्टिक के इस्तेमाल पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी जाएगी.
प्लास्टिक का ‘विकल्प’ भी होगा तैयार
केवल मना करना काफी नहीं, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यात्रियों को प्लास्टिक के विकल्प भी उपलब्ध कराएगा.
- डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम (DDRS)
श्रद्धालु प्लास्टिक की बोतलों को यात्रा मार्ग पर लगे मशीनों में जमा करके रिफंड पा सकेंगे.
- क्लॉथ बैग मशीन
चारधाम यात्रा रूट पर जगह-जगह मशीनें लगाई जा रही हैं जहां श्रद्धालुओं को कपड़े के थैले मुफ्त/कम कीमत पर मिलेंगे ताकि प्लास्टिक की जरूरत ही न पड़े.
‘सख्ती’ से होगी व्यवस्था लागू
अगर जागरूकता और सुविधा के बाद भी कोई यात्री प्लास्टिक का उपयोग करता है, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.
- ₹500 से ₹1000 तक का जुर्माना
- सिंगल यूज़ प्लास्टिक पकड़े जाने पर तत्काल चालान
- संबंधित विभागों को निगरानी और कार्रवाई के निर्देश
हर साल चारधाम यात्रा (Char Dham Yatra 2025) में करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु उत्तराखंड आते हैं. इस बार यह आंकड़ा 50 लाख के पार पहुंचने की संभावना है. ऐसे में यह तीन-स्तरीय रणनीति न केवल प्रदेश की सफाई को बनाए रखने में मदद करेगी, बल्कि चारधाम यात्रा को पर्यावरणीय आदर्श यात्रा के रूप में भी पहचान दिलाएगी. पराग मधुकर धकाते, सदस्य सचिव प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कहा कि चारधाम केवल धार्मिक यात्रा नहीं, यह प्रकृति के लिए आभार व्यक्त करने का माध्यम है.
इस बार यात्रा को प्लास्टिक मुक्त बनाना हमारा बड़ा लक्ष्य है, जिसमें हर नागरिक की भूमिका अहम है. गौरतलब है कि 30 अप्रैल को यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट खुलते ही यात्रा का आगाज़ हो जाएगा. जिसके बाद 2 मई कोकेदारनाथ और 4 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे.