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Chardham Yatra 2025: पर्यटन विभाग का मानना है कि अगर टोकन सिस्टम को सही तरीके से लागू किया गया, तो चारधाम यात्रा पहले से कहीं अधिक व्यवस्थित हो जाएगी. श्रद्धालुओं को सुरक्षा और सुविधा दोनों मिलेगी. साथ ही, धामो…और पढ़ें

टोकन सिस्टम देगा समय पर दर्शन का भरोसा
हाइलाइट्स
- टोकन सिस्टम से चारधाम यात्रा होगी व्यवस्थित.
- श्रद्धालुओं को मिलेगा दर्शन का सुनिश्चित समय.
- भीड़ कम होगी, दर्शन होंगे आसान और सुरक्षित.
देहरादून: हर साल जब चारधाम यात्रा के कपाट खुलते हैं, तो उत्तराखंड की पर्वतीय घाटियां श्रद्धालुओं की आस्था से गूंज उठती हैं. लाखों लोग देशभर से केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के दर्शन को आते हैं, लेकिन इस भक्ति यात्रा में सबसे बड़ी चुनौती बन जाती है धामों में (Chardham Yatra 2025) लगने वाली घंटों की लंबी लाइनें. सूरज की तपिश हो या पहाड़ की ठंडी हवाएं, श्रद्धालु कतार में खड़े होकर दर्शन की प्रतीक्षा करते हैं. ऐसे में कई बार बुजुर्ग, महिलाएं और छोटे बच्चे परेशानी का सामना करते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए इस साल सरकार एक बड़ी और खास पहल करने जा रही है, जो है ‘टोकन सिस्टम’. इससे अब दर्शन व्यवस्थित, समयबद्ध और बिना भीड़भाड़ के होंगे
टोकन सिस्टम देगा समय पर दर्शन का भरोसा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के बाद इस बार स्लॉट मैनेजमेंट सिस्टम को और प्रभावी बनाने की तैयारी है. इस साल चारधाम यात्रा में टोकन सिस्टम को पूरी तरह से प्रभावी बनाने की योजना है. अब तीर्थयात्रियों को धाम पहुंचने पर उनके यात्रा पंजीकरण के आधार पर एक टोकन दिया जाएगा. इस टोकन में स्पष्ट रूप से दर्शन का समय दर्ज होगा, जिसके अनुसार वे दर्शन कर सकेंगे.
घंटों लाइन पर नहीं खड़े रहेंगे श्रद्धालु
इससे सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि किसी को भी घंटों लाइन में खड़े रहने की आवश्यकता नहीं होगी. न ही धामों में अनावश्यक भीड़ जुटेगी, जिससे व्यवस्थाएं ठीक रहेंगी. अब हर श्रद्धालु को दर्शन का सुनिश्चित समय मिलेगा, जिससे वे धाम के आस-पास के क्षेत्रों को भी आराम से देख सकेंगे. उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने बीते साल भी टोकन सिस्टम (Token system darshan) की शुरुआत की थी, लेकिन यह पूरी तरह सफल नहीं हो सका. केदारनाथ धाम में विशेष रूप से पहले ही दिन भीड़ इतनी बढ़ गई कि दर्शन के लिए दो से तीन किलोमीटर लंबी कतार लग गई थी. इस बार सरकार ने इससे सबक लेते हुए व्यवस्था को और मजबूत करने की तैयारी की है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि स्लॉट मैनेजमेंट सिस्टम को हर धाम में मजबूती से लागू किया जाए और किसी भी श्रद्धालु को परेशानी न हो.
17 लाख से अधिक तीर्थ यात्रियों ने किया रजिस्ट्रेशन
चारधाम यात्रा की शुरुआत से पहले ही लोगों का उत्साह देखने लायक है. अब तक 17 लाख से अधिक श्रद्धालु यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करवा लिए हैं. इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि इस बार भीड़ बहुत अधिक होगी. ऐसे में टोकन सिस्टम ही एकमात्र समाधान है, जो व्यवस्थाओं को संतुलित रख सकता है.
केदारनाथ – 5.73 लाख
बदरीनाथ – 5.04 लाख
गंगोत्री– 3.01 लाख
यमुनोत्री – 2.78 लाख
कैसे काम करेगा टोकन सिस्टम?
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन – यात्रा से पहले श्रद्धालु को पंजीकरण कराना अनिवार्य है.
धाम पहुंचने पर टोकन वितरण – पंजीकरण दिखाने के बाद ही टोकन मिलेगा.
दर्शन का स्लॉट – टोकन में दर्शन का समय तय होगा.
लाइन से मुक्ति– श्रद्धालु उस समय के अनुसार सीधे दर्शन कर सकेंगे.
भीड़ होगी कंट्रोल, दर्शन होंगे आसान
पर्यटन विभाग का मानना है कि अगर टोकन सिस्टम को सही तरीके से लागू किया गया, तो चारधाम यात्रा पहले से कहीं अधिक व्यवस्थित हो जाएगी. श्रद्धालुओं को सुरक्षा और सुविधा दोनों मिलेगी. साथ ही, धामों पर दबाव भी कम होगा. चारधाम यात्रा में यह बदलाव सिर्फ एक तकनीकी व्यवस्था नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं के अनुभव को बेहतर बनाने की दिशा में बड़ा कदम है. अब आस्था के साथ-साथ सुविधा भी यात्रा का अहम हिस्सा होगी.