गढ़वा: बोर्ड एग्जाम खत्म होने के बाद छात्रों के लिए सबसे बड़ी समस्या अपने विषय और करियर का चुनाव करना होता है. साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में भी छात्रों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ऐसे में सही करियर टिप्स जानना बेहद जरूरी है. इसी को ध्यान में रखते हुए गढ़वा अनुमंडल पदाधिकारी छात्रों को उनके करियर को लेकर टिप्स दे रहे हैं. उनकी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास भी कर रहे हैं.
गढ़वा SDM संजय कुमार ने अपने एक घंटे के साप्ताहिक कार्यक्रम “कॉफी विद एसडीएम” में छात्रों से अनौपचारिक संवाद किया. इस कार्यक्रम में उन्होंने यूपीएससी, जेपीएससी, एसएससी, बैंक, रेलवे आदि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को बुलाया. इसमें 50 से अधिक छात्र-छात्राएं अनुमंडल कार्यालय में पहुंचे. एक घंटे तक चले इस कार्यक्रम में अभ्यर्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां दी गईं और उनकी शंकाओं, समस्याओं और सुझावों का समाधान किया गया.
एसडीएम ने करियर टिप्स देते मुख्य बातें बताईं
1. मानक पुस्तकों को ही पढ़ें: संजय कुमार ने बताया कि छात्रों को केवल मानक पुस्तकों के अद्यतन संस्करण को पढ़ना चाहिए और कम से कम पुस्तकों का चयन करना चाहिए. बाजार में कई प्रकाशन हैं और एक ही विषय पर सैकड़ों पुस्तकें उपलब्ध हैं, लेकिन पुस्तकों के चयन में सावधानी बरतें और किसी भी विषय की प्रमाणिक आधार पुस्तक के रूप में एक या दो पुस्तक ही रखें.
2. ऑनलाइन पढ़ाई में सतर्कता बरतें: कहा, इंटरनेट पर बहुत सारी सामग्री उपलब्ध है, लेकिन अगर समझदारी नहीं दिखाई तो आप गलत तथ्य भी पढ़ सकते हैं. ऑनलाइन एक महासागर है जहां एक ही प्रश्न के अलग-अलग वेबसाइट पर अलग-अलग उत्तर मिल जाते हैं, जिससे छात्रों की दुविधा बढ़ जाती है.
3. करंट अफेयर के लिए सरकारी वेबसाइट्स: बताया, समसामयिक घटनाओं के लिए सरकारी वेब पोर्टल या वेबसाइट का उपयोग करें. सरकारी वेबसाइट पर तथ्यों की प्रामाणिकता होती है. उन्होंने विभिन्न सरकारी पोर्टल की सूची भी छात्रों को उपलब्ध करवाई.
4. एनसीईआरटी की किताबों को बनाएं आधार: यूपीएससी के छात्रों को कक्षा 12 तक की एनसीईआरटी की पुस्तकों का अध्ययन करना चाहिए. यदि उनके पास ये पुस्तकें नहीं हैं तो वे एनसीईआरटी की वेबसाइट से इन्हें डाउनलोड कर सकते हैं.
5. वैकल्पिक विषय का चयन सोच-समझकर करें: सिविल सेवा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थी अपनी रुचि का कोई ऐसा विषय चुन सकते हैं जिसे उन्होंने पहले कभी नहीं पढ़ा हो. उदाहरण के लिए, साइंस या इंजीनियरिंग से स्नातक करने वाला व्यक्ति कला या ह्यूमैनिटी का विषय चुन सकता है.
6. लक्ष्य हमेशा बड़ा रखें: उन्होंने बताया कि छात्रों को अपनी क्षमताओं और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए तैयारी करनी चाहिए, लेकिन लक्ष्य हमेशा बड़ा रखना चाहिए. बड़ी परीक्षाओं में प्रतियोगिता का दायरा कम होता है और गंभीर अभ्यर्थियों के लिए सफलता दर अधिक होती है.
क्या है “कॉफी विथ एसडीएम”
संजय कुमार ने बताया कि “कॉफी विथ एसडीएम” एक टर्मिनोलॉजी है, जिसमें लोगों को कॉफी पर बुलाकर उनकी समस्याओं को जानने और समाधान करने का प्रयास किया जाता है. इसमें बुजुर्गों, गृहणियों, रिक्शा चालकों, अखबार विक्रेताओं, साहित्यकारों, व्यवसायियों और छात्रों को बुलाया जाता है. यह साप्ताहिक कार्यक्रम हर बुधवार को 11 बजे से 12 बजे तक चलता है. इसकी शुरुआत दिसंबर के पहले सप्ताह से हुई थी और अब तक 20 कार्यक्रम हो चुके हैं.