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Trump Tariff News: डोनाल्ड ट्रंप ने 75 से अधिक देशों को 90 दिनों की टैरिफ छूट दी है, जिसमें भारत भी शामिल है. भारत ने कूटनीति से काम लिया जबकि चीन ने आक्रामकता दिखाई. इसका असर हुआ कि भारत को राहत मिली, मगर चीन …और पढ़ें

ट्रंप ने भारत को दी 90 दिनों की टैरिफ छूट, चीन पर 125% शुल्क लगाया
हाइलाइट्स
- ट्रंप ने भारत को 90 दिनों की टैरिफ छूट दी.
- चीन पर 125% टैरिफ लगाया गया.
- भारत की कूटनीति से टैरिफ में छूट मिली.
नई दिल्ली: डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ पर हाहाकार के बीच राहत की खबर है. भारत को जिसका डर था वह फिलहाल खत्म हो गया है. डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया के 75 से अधिक देशों के लिए 90 दिनों की टैरिफ में छूट देने की भी घोषणा की है. इस राहत वाली लिस्ट में भारत का नाम भी है. ट्रंप ने भारत को टैरिफ से छूट तो दी है, मगर चीन पर जरा भी मेहरबानी नहीं दिखाई है. डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ पर 90 दिन का ब्रेक यूं ही नहीं लगाया है. इसके पीछे भारत की कूटनीति का कमाल है.
जी हां, जैसे को तैसा वाली हरकत चीन को भारी पड़ गई. जबकि भारत ने टैरिफ वॉर पर बहुत दिमाग से काम लिया. इसका नतीजा अब सबके सामने है. अब भारत पर 90 दिनों तक 26 फीसदी वाला टैरिफ नहीं लगेगा. अभी केवल 10 फीसदी का रेसिप्रोकल टैरिफ ही लागू रहेगा. जो पहले से ही था. जबकि चीन पर ट्रंप ने टैरिफ वाला हथौड़ा चलाया है. अमेरिका ने चीन से आयात पर शुल्क की दर यानी टैरिफ बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दी.
भारत को क्यों मिली टैरिफ छूट
अब सवाल है कि आखिर अमेरिका ने भारत पर प्यार बरसाया क्यों है और चीन को क्यों इतना ज्यादा रगड़ दिया. तो इसकी सबसे बड़ी वजह है दोनों देशों की कूटनीति. भारत ने मुश्किल समय में संयम का परिचय दिया. 2 अप्रैल को जब डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ लगाया तो सबको एक नजर से देखा. सभी देशों पर समान अनुपात में टैरिफ लगाया था. इसके बाद पूरी दुनिया में हाहाकार मच गया. चीन पर 34 फीसदी तो भारत पर 26 फीसदी टैरिफ लगा था. ट्रंप के फैसले से भारत पैनिक नहीं हुआ. उसने सूजबूझ का परिचय दिया और कूटनीतिक चैनल से बातचीत का रास्ता अपनाया.

डोनाल्ड ट्रंप ने 75 देशों पर टैरिफ ब्रेक लगाया है.
मोदी-ट्रंप की मुलाकात और जयशंकर-गोयल का दिमाग
भारत लगातार टैरिफ मसले पर अमेरिका के टच में रहा. उसने बातचीत की और अमेरिका को टैरिफ पर मनाया. भारत को इसकी भनक पहले ही लग गई थी. पीएम मोदी और ट्रंप के बीच जब वाशिंगटन में मुलाकात हुई थी तभी भारत को पता चला था कि सबके साथ भारत पर भी अमेरिका टैरिफ लगाएगा. उस वक्त भी टैरिफ का मुद्दा उठा था. तभी से भारत ने बैकचैनल से काम करना शुरू कर दिया. विदेश मंत्री जयशंकर और पीयूष गोयल इस काम में लग गए. उन्होंने अपना दिमाग लगाया और अमेरिका को टैरिफ पर मनाया. नतीजा है कि ट्रंप ने दोस्त भारत को राहत दे दी.
पीयूष गोयल ने दिए संकेत
खुद पीयूष गोयल ने इसके संकेत दे दिए थे. अमेरिका के लिए भारत फर्स्ट है. अमेरिका ने अगर 75 देशों को टैरिफ में राहत दी है तो उसके केंद्र में भारत ही है. राइजिंग भारत समिट में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि अमेरिका का निशाना भारत नहीं है. अमेरिका ने टैरिफ मामले में किसी को नहीं बख्शा था. उन्होंने यह भी कहा कि यह एक फेयर ट्रेड का मामला है. उन्होंने आश्वासन दिया था कि भारत और यूएस के बीच जल्द ही इन अतिरिक्त टैरिफ्स को लेकर कोई समझौता हो जाएगा.
चीन को क्यों रेला?
इसके उलट चीन ने दिमाग से काम नहीं लिया. उसने ताव दिखाया. अमेरिका को यही बात रास नहीं आई. जैसे ही चीन ने अमेरिका पर जवाबी 34 फीसदी टैरिफ लगाया. ट्रंप आग बबूला हो गए. उन्होंने तुरंत अलग से 50 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी. इस तरह चीन पर अमेरिका ने कुल 104 फीसदी टैरिफ लगा दिया. इसके बाद चीन ने फिर जवाब दिया. आलम यह हुआ कि अब चीन पर अमेरिका ने 125 फीसदी टैरिफ लगा दिया है.

ट्रंप ने तो चीन पर टैरिफ वाला हथौड़ा चलाया है.
90 दिनों का ब्रेक कैसे मिला
भारत के साथ-साथ जिन देशों ने अमेरिका पर जवाबी कार्रवाई करने के बदले बातचीत का रास्ता अपनाया, उन्हें आखिरकार राहत मिली है. अमेरिका ने करीब 75 से अधिक देशों पर 90 दिनों के लिए टैरिफ पर ब्रेक लगाया है. माना जा रहा है कि भारत बातचीत से अमेरिका को मना लेगा और इस टैरिफ पर अभी और खुशखबरी मिल सकती है. अमेरिका के इस नए ऐलान के बाद बाजारों में फिर रौनक लौट सकती है. शेयर बाजार झूम उठेंगे. अब देखने वाली बात होगी कि 90 दिन के ब्रेक को भारत परमानेंट ब्रेक में कैसे बदलता है.

टैरिफ पर डोनाल्ड ट्रंप ने भारत संग दोस्ती निभाई.
ट्रंप ने क्या ऐलान किया
चलिए जानते हैं ट्रंप ने क्या घोषणा की. ट्रंप ने दुनिया के 75 से अधिक देशों के लिए 90 दिनों की टैरिफ में छूट देने की भी घोषणा की है. उनके अनुसार, इन देशों ने अमेरिकी वाणिज्य विभाग, ट्रेजरी और यूएसटीआर से व्यापार और मुद्रा हेरफेर जैसे मुद्दों पर बातचीत शुरू की है. इन देशों के साथ व्यापार पर अगले 90 दिनों तक सिर्फ 10% का रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया जाएगा. ट्रंप के इस कदम से ऐसा प्रतीत होता है कि उनका प्रयास अमेरिका और बाकी देशों के बीच के ‘‘व्यापारिक टकराव ’’ को कम करते हुए केवल चीन पर ध्यान केंद्रित करने की ओर है.