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Uttarakhand Dragon Fruit Subsidy: धामी कैबिनेट ने ड्रैगन फ्रूट फार्मिंग स्कीम को मंजूरी दी है. योजना के तहत प्रति एकड़ 8 लाख रुपये की लागत पर किसानों को 80 प्रतिशत तक सब्सिडी मिलेगी, जिससे वे अब इस लाभदायक खेती…और पढ़ें

उत्तराखंड सरकार देगी ड्रैगन फ्रूट की खेती पर सब्सिडी.
देहरादून. उत्तराखंड के किसान अब पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर नई तकनीक और नए फलों की खेती की ओर रुख कर सकते हैं. खासतौर पर ऐसे समय में जब जलवायु परिवर्तन और बाजार की मांग के चलते कृषि को नवाचार की जरूरत है. धामी सरकार ने किसानों के लिए एक बड़ा तोहफा दिया है. अब राज्य में ड्रैगन फ्रूट, कीवी, सेब और मोटे अनाज जैसी बाजार में मांग वाली फसलों की खेती करने वालों को 80 फीसदी तक सब्सिडी मिलेगी. खास बात यह है कि कैबिनेट ने ड्रैगन फ्रूट की खेती को लेकर विशेष योजना को हरी झंडी दे दी है, जिससे किसानों को प्रति एकड़ लगभग 8 लाख रुपये की लागत पर भारी राहत मिलने वाली है.
राज्य सरकार का उद्देश्य है कि किसानों की आय बढ़ाई जाए और उन्हें पारंपरिक फसलों की निर्भरता से बाहर निकालकर लाभकारी फसलों की ओर प्रेरित किया जाए. बाजार में ड्रैगन फ्रूट की मांग तेजी से बढ़ी है और इसका पोषण मूल्य भी बेहद उच्च माना जाता है. ऐसे में यह योजना किसानों के लिए लाभकारी साबित हो सकती है.
क्या है ड्रैगन फ्रूट?
ड्रैगन फ्रूट एक ट्रॉपिकल फल है, जिसे पिटाया भी कहा जाता है. इसकी बाहरी सतह मोटी, गुलाबी और कांटेदार होती है जबकि अंदर सफेद या लाल गूदा होता है जिसमें काले बीज होते हैं. यह फल स्वाद में हल्का मीठा और बेहद पौष्टिक होता है.
ड्रैगन फ्रूट की खासियत
ड्रैगन फ्रूट में एंटीऑक्सिडेंट्स, विटामिन C, कैल्शियम और फाइबर की मात्रा अधिक होती है. यह इम्युनिटी बढ़ाने, पाचन को सुधारने और त्वचा के लिए फायदेमंद माना जाता है. यह फल मधुमेह और दिल के रोगियों के लिए भी लाभकारी है. पानी की कम खपत में तैयार होता है, इसलिए पहाड़ी क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है.
धामी कैबिनेट का फैसला: मिलेगी 80% सब्सिडी
धामी सरकार की कैबिनेट बैठक में ड्रैगन फ्रूट फार्मिंग स्कीम को मंजूरी दी गई है. इस योजना के अंतर्गत:
प्रति एकड़ खेती पर अनुमानित लागत ₹8 लाख होगी.
सरकार 80 फीसदी तक सब्सिडी देगी.
किसानों को ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए तकनीकी सहायता भी दी जाएगी.
यह योजना उत्तराखंड के कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर और आधुनिक बनाएगी.
बाजार की मांग पर आधारित खेती को बढ़ावा
अब राज्य सरकार केवल परंपरागत खेती पर जोर नहीं दे रही बल्कि बाजार की मांग के अनुसार फसलों के चयन पर जोर दे रही है. कीवी, सेब और मोटे अनाज की खेती को भी सब्सिडी मिलेगी. ड्रैगन फ्रूट की खेती से न सिर्फ किसानों की आय में इजाफा होगा बल्कि उत्तराखंड की कृषि छवि भी बदलेगी. यह कदम राज्य को ‘आधुनिक कृषि राज्य’ बनाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है.