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Raipur News; छत्तीसगढ़ में 42 लाख यानी हर पांचवां व्यक्ति मानसिक अवसाद से जूझ रहा है. लोग मानसिक अवसाद से जूझ रहे हैं. सरकारी योजनाएं और दवाएं उपलब्ध नहीं हैं. स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता से योजनाएं असफल हो रही…और पढ़ें

CG News: छत्तीसगढ़ के अस्पतालों में दवाओं की कमी.
हाइलाइट्स
- छत्तीसगढ़ में हर पांचवें व्यक्ति को मानसिक समस्या
- स्वास्थ्य योजनाएं कागजों में ही दफन
- स्वास्थ्य सेवाएं विभाग में योजनाओं के नाम पर बजट का बंदरबांट
आकाश शुक्ला
रायपुर. चिंता और तनाव के चलते लोगों में मानसिक समस्याएं तेजी से बढ़ रही है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ में 42 लाख लोग, 42 लाख यानी हर पांचवां व्यक्ति मानसिक अवसाद से जूझ रहा है. सरकार मानसिक स्वास्थ्य को लेकर कई योजनाएं तो चल रही है. जिला अस्पताल से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक इलाज का दावा कर रही, लेकिन योजना स्वास्थ्य विभाग के उदासीनता की भेंट चढ़ते नजर आ रही. अस्पतालों में दवाएं की किल्लत है. जिला अस्पताल रायपुर के मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर. अविनाश शुक्ला ने बताया कि मानसिक रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. अस्पताल मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी कई दवाएं उपलब्ध नहीं है. सामान्य दवाएं ही उपलब्ध है.
मामले को लेकर जब रायपुर जिला चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर. मिथलेश चौधरी से सवाल किया गया तो उन्होंने दवाओं के किल्लत की जानकारी देते हुए आपूर्ति की बात जरूर कही है, लेकिन दवाएं अस्पताल तक नहीं पहुंच पा रही.
नशे को रोकना बेहद जरूरी
जिला अस्पताल में नशा मुक्त क्लिनिक के डॉक्टर. राहुल वर्मा कहते हैं कि नशे की वजह से मानसिक समस्याएं अधिक आती है. इसकी वजह शराब, गांजा, तंबाकू समेत अन्य नशे का अधिक सेवन है. इसे रोकना बेहद जरूर है.

छत्तीसगढ़ में मानसिक रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है.
छत्तीसगढ़ में मानसिक स्वास्थ्य योजना के नाकामी की वजह
- केंद्र और राज्य के कार्यक्रमों पर स्वास्थ्य सेवाएं विभाग की उदासीनता
- मानसिक स्वास्थ्य करोड़ों के बजट का बंदरबांट, अनियमितता
- राज्य स्टेट मेंटल हेल्थ ऑटोरिटी का गठन नहीं
- मॉनिटरिंग सिस्टम पूरी तरह ध्वस्त
स्वास्थ्य सेवाएं विभाग की स्थिति यह है कि योजना के नाम पर खाना पूर्ति की जा रही है. केंद्रीय बजट के बांद्रा बांट की शिकायतें लगातार आ रही. प्रशिक्षण के नाम पर पैसों की अनियमितता हो रही. स्वास्थ्य सेवाएं विभाग कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं. स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जयसवाल का कहना है मामले को दिखवाता हूं. अधिकारियों की यह सब लापरवाही सही नहीं है. ऐसे गैर जिम्मेदार अधिकारी लोगों का नुकसान कर रहे है.
स्थिति से समझा जा सकता है कि स्वास्थ्य सेवाएं विभाग मानसिक स्वास्थ्य की योजनाओं को कागजों में ही दफन करने कोई कसर नहीं छोड़ रहा, लेकिन राज्य स्तर के अधिकारियों से सवाल पूछने जवाब ही नहीं दिया जा रहा. ऐसे में मानसिक स्वास्थ्य जैसी महत्वपूर्ण योजना दम तोड़ती नजर आ रही.