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Murshidabad Violence: मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन बिल के विरोध में हिंसा से प्रभावित हिन्दू परिवार झारखंड पलायन कर रहे हैं. महिलाएं और बच्चे दहशत में हैं, हालांकि, केंद्रीय बलों की तैनाती से स्थिति सामान्य हो र…और पढ़ें

मुर्शिदाबाद से पलायन कर झारखंड पहुंचे हिंदओं ने पाकुड़ में ली शरण.
हाइलाइट्स
- मुर्शिदाबाद हिंसा से हिन्दू परिवार पलायन कर झारखंड पहुंच रहे हैं.
- महिलाएं और बच्चे दहशत में, केंद्रीय बलों की तैनाती से स्थिति में सुधार.
- संपत्ति छोड़ बेटियों को बचाना मुश्किल, लोग सुरक्षित स्थानों पर जा रहे.
पाकुड़/नितेश कुमार. पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन बिल के विरोध में फैली हिंसा से प्रभावित हिन्दू परिवार अपना घर छोड़कर निकटवर्ती अपने परिवार के झारखंड में पहुंच रहे. हालांकि, मुर्शिदाबाद में स्थिति धीरे धीरे सामान्य हो रहा है, लेकिन वहां के हिन्दू परिवार खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और लोग निकट जिला मालदा सहित झारखंड के पाकुड़, साहेबगंज की ऒर पलायन कर रहे हैं.पलायन कर जो झारखंड आ रहे हैं वह अपनी आपबीती सुनाते हुए दहशत से भर जाते हैं. लोगों का कहना है कि संपत्ति तो छोड़िये बेटियों को बचाना मुश्किल है. तभी तो पूरी की पूरी महिलाएं मुर्शिदाबाद से निकलकर झारखंड पहुंच रही हैं. इस मसले पर न्यूज 18 ने पीड़ित लोगों के बीच जाकर उनसे सीधे बात की. इसका वीडियो आप आगे देखिये.
मुर्शिदाबाद जिले के समशेरगंज थाना क्षेत्र के गोरुहाट इलाके में रहने वाली कल्पना साहा ने बताया मुसलमानों के अत्याचार से अपने घर में रातभर सो नहीं पाए और हम अपने दो बेटियों के साथ रहते हैं, जबकि घर में कोई पुरुष नहीं रहने के कारण डर से अपने पिता के घर पाकुड़ आये हैं. कल्पना ने बताया कि उपद्रवियों द्वारा बम चलाया जा रहा है और इस कारण हम सभी आतंकित हैं, चूंकि महिलाओं पर भी अत्याचार हो रहा है और मेरी दो बेटी है, इसलिए हम पिता का घर सुरक्षित देखकर पाकुड़ आये हैं. कल्पना ने बताया कि स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई दिखाई नहीं दिया. रात् के 10 बजे के बाद जब हो हल्ला हो होता है तो हम डर से खटिया के नीचे छुप कर रहने को विवश होते थे. हालांकि वहां जब से केंद्रीय बलों की तैनाती हुई है तब से गश्ती की जा रही है. केंद्रीय बलों की तैनाती होते ही वहां से किसी तरह निकल कर अपने पिता के घर पहुंच पाए.
ममता साहा ने बताया कि हमारे यहां रैली के नाम पर शॉपिंग मॉल, मोबाइल का दुकान, फ्रीज, एसी के दुकानों में तोड़फोड़ कर रहा है. हिन्दुओं पर अत्याचार कर रहा है, बम एवं गोली चलाने का काम किया जा रहा है. हिन्दुओ का घरों तो जलाया गया है और हम सभी पर अत्याचार किया जा रहा है. ममता ने बताया कि स्थानीय पुलिस कुछ नहीं कर रही है, लेकिन जब से केंद्रीय बल गश्ती कर रही है. पूछे गए सवाल पर ममता ने बताया कि घर द्वार छोड़कर सिर्फ हमारा ही परिवार नहीं, बल्कि अन्य आसपास के लोग भी अपना परिवार के साथ सुरक्षित स्थान पर गए हैं तो कुछ महिलाओं एवं युवतियों को बीएसएफ द्वारा गंगा पार सुरक्षित एक स्थान पर पहुंचाया है जबकि मालदा कैम्प में भी पहुंचाया है.
वहीं, लिली मंडल ने बताया कि उपद्रवियों द्वारा घर घर में हमला कर रहा है. गले पर धारदार हथियार रख कर लूटपाट की घटना को अंजाम दे रहा है और हम सभी लाचार हैं. लिली ने बताया कि इतना ही नहीं पेट्रोल डाल कर आग लगा रहा तो महिलाओं पर अत्याचार भी कर रहा है. हो रहे अत्याचार के डर से भागने को विवश हैं. वहीं, धूलियान के युवक शांतनु मंडल ने बताया कि मुसलमानों ने आतंक फैला रखा और और इसी डर से पाकुड़ आ गए हैं. उन्होंने बताया कि आतंक फैला रहे लोग बहुत ज्यादा बत्तमीजी पर उतर आये हैं. युवक ने बताया कि उपद्रवियों ने कई घरों को जला चुका है और उत्पात मचा रहे लोग बम पिस्तौल के साथ पहुंच रहे हैं.

मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद पलायन कर गए लोगों की आंखों में आज भी दहशत दिख रही है.
बता दें कि बीते कई दिनों से पश्चिम बंगाल के खासकर मुर्शिदाबाद जिले के समशेरगंज थाना क्षेत्र में वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बाद सड़क जाम, आगजनी, तोड़फोड़, दुकानों एवं घरों में तोड़फोड़, लूटपाट के साथ मारपीट एवं हत्या की घटनाएं घटीं. मामला इतना गंभीर हो गया कि स्थानीय प्रशासन के हाथ से निकल गया और कोलकाता उच्च न्यायालय के निर्देश केंद्रीय बलों की तैनाती की गयी. केंद्रीय बलों की तैनाती के बाद धीरे धीरे समशेरगंज थाना क्षेत्र में स्थिति सामान्य होने लगी, लेकिन जफ़रगंज, लालपुर, बेदबोना, घोषपाड़ा, रानीपुर, हॉस्पिटल मोड़ सहित कई इलाकों में लोग आज भी दहशत में हैं कि कही दोबारा किसी प्रकार का हमला न हो. हालांकि केंद्रीय बलो के पहुँचने के बाद लोग राहत की सांस ली है.