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Donald Trump Tariff War News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से आयात होने वाले सामान पर अभूतपूर्व 104 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है. ट्रंप के इस फैसले से छटपटा रहे चीन ने भारत से मदद मांगी है.

US ने चीन पर लगाया 104% टैरिफ.
हाइलाइट्स
- अमेरिका ने चीन पर 104% टैरिफ लगाया, वाइट हाउस ने किया कन्फर्म.
- चीन ने भारत से मदद मांगी, कहा- साथ मिलकर ट्रंप से लडें.
- भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की बातचीत जारी.
नई दिल्ली: दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं में उथल-पुथल है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ‘टैरिफ वॉर’ तमाम देशों के लिए मुसीबत बन गया है. सबसे बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है चीन को. ट्रंप ने चीन से आने वाले सभी सामानों पर 104% तक का भारी टैरिफ लगाने का ऐलान से सबको हैरत में डाल दिया. वाइट हाउस ने सोमवार को पुष्टि की कि यह टैरिफ मंगलवार (8 अप्रैल 2025) की आधी रात से लागू होगा. ट्रंप प्रशासन का कहना है कि यह कदम ‘लेवल प्लेइंग फील्ड’ बनाने के लिए उठाया गया है, क्योंकि हाल के हफ्तों में ट्रंप ने कई देशों पर अमेरिका को ‘लूटने’ का आरोप लगाया था. ट्रंप पहले ही भारत के कुछ उत्पादों पर 26% तक का टैरिफ लगा चुके हैं.
इस फैसले के बाद ट्रंप ने चीन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर बीजिंग ने अपनी 34% की जवाबी ड्यूटी वापस नहीं ली, तो और भी ज्यादा कठोर टैरिफ लगाए जाएंगे. ट्रंप ने यह भी कहा कि अब चीन के साथ किसी तरह की व्यापार वार्ता नहीं होगी और अमेरिका अन्य देशों के साथ समझौते करेगा.
ट्रंप टैरिफ: चीन ने भारत से की मदद की अपील
चीन ने इस संकट के बीच भारत की ओर उम्मीद से देखा है. भारत में चीन की एंबेसी की प्रवक्ता यू जिंग ने कहा कि चीन और भारत दोनों विकासशील राष्ट्र हैं और ऐसे में अमेरिका के टैरिफ जैसे कदम ‘वैश्विक दक्षिण’ देशों के विकास के अधिकार को छीनने की कोशिश हैं. उन्होंने कहा कि भारत और चीन को एकजुट होकर इन चुनौतियों का मुकाबला करना चाहिए.
यू जिंग ने यह भी कहा कि वैश्विक व्यापार और विकास के लिए सभी देशों को बहुपक्षीयता का समर्थन करना चाहिए और एकतरफा फैसलों और संरक्षणवाद का विरोध करना चाहिए. उनके अनुसार, इस तरह के टैरिफ युद्ध का कोई विजेता नहीं होता.
जहां चीन अमेरिका से सीधा टकराव ले रहा है, वहीं भारत फिलहाल टैरिफ का जवाब टैरिफ से देने के पक्ष में नहीं दिख रहा है. भारत और अमेरिका के बीच एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते की दिशा में बातचीत चल रही है, जो दोनों देशों के लिए फायदेमंद हो सकता है.