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Unique Hanuman temple in Bilaspur: यह मंदिर रतनपुर के गिरजावन क्षेत्र में स्थित है. यहां की मूर्ति अत्यंत दुर्लभ है और इसकी स्थापना से संबंधित कई रहस्यमयी कथाएं प्रचलित हैं. मान्यता है कि इस मूर्ति का श्रृंगार …और पढ़ें

छत्तीसगढ़ के रतनपुर में अद्वितीय अर्धनारीश्वर हनुमान.
बिलासपुर जिले के रतनपुर में हनुमान जी का एक अद्वितीय स्वरूप पूजित है, जहां उन्हें अर्धनारीश्वर रूप में पूजा जाता है. यहां हनुमान जी स्त्री वेश में अपने भक्तों को सुख, समृद्धि और शांति का आशीर्वाद देते हैं. यह मंदिर रतनपुर के गिरजावन क्षेत्र में स्थित है. यहां की मूर्ति अत्यंत दुर्लभ है और इसकी स्थापना से संबंधित कई रहस्यमयी कथाएं प्रचलित हैं. मान्यता है कि इस मूर्ति का श्रृंगार स्त्रियों की तरह किया जाता है. कानों में कुंडल, माथे पर बिंदी, गले में हार और हाथों में चूड़ियां पहनाई जाती हैं.
मंदिर से जुड़ी दो प्रमुख कथाएं हैं. पहली कथा के अनुसार, पाताल लोक में अहिरावण ने राम और लक्ष्मण का अपहरण किया था, तब हनुमान जी ने स्त्री का रूप धारण कर अहिरावण की पत्नी के शरीर में प्रवेश किया और बलि को रोका. इसी रूप में अहिरावण का वध कर राम-लक्ष्मण को बचाया. दूसरी कथा के अनुसार, 10 हजार वर्ष पहले रतनपुर के राजा पृथ्वी देवजू को कोढ़ हो गया था. एक स्वप्न में उन्हें देवी रूपी हनुमान जी के दर्शन हुए और आदेश मिला कि एक मंदिर का निर्माण करें और पीछे स्थित जलकुंड में स्नान कर पूजा करें. राजा ने ऐसा किया और उन्हें रोग से मुक्ति मिली.
पाताल लोक का प्रतीक
यह प्रतिमा दक्षिणमुखी है, हनुमान जी के दोनों कंधों पर क्रमशः राम और लक्ष्मण विराजमान हैं और चरणों के नीचे दो राक्षस दबे हुए हैं, जो पाताल लोक का प्रतीक हैं. मूर्ति स्वयंभू मानी जाती है और एक कुंड से प्रकट हुई थी. मंदिर के पुजारी विजेंद्र दुबे बताते हैं कि 16वीं शताब्दी में रानी गिरजावति को भी रोग हुआ था. हनुमान जी के दर्शन के बाद स्नान और पूजा करने से उन्हें आरोग्यता प्राप्त हुई और तब से यह मंदिर श्रद्धालुओं के बीच आस्था का प्रमुख केंद्र बन गया है.
यहां पूजा करने से मन की शांति मिलती
श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां पूजा करने से मन की शांति मिलती है, रोगों से मुक्ति मिलती है और जीवन में समृद्धि आती है. देश-विदेश से लोग यहां दर्शन करने आते हैं और हर मंगलवार को विशेष पूजा-अर्चना की जाती है.