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Aurangabad News: जादूगर दीप कुमार पिछले 10 वर्षों से जादू दिखाकर जीवन यापन कर रहे हैं. वह जादू को वे विज्ञान मानते हैं. उनकी टीम में 20 लोग हैं. जादू चमत्कार है या कोई कला आइये जानते हैं जादूगर दीप से.

जादू करते जादूगर
हाइलाइट्स
- जादू को चमत्कार नहीं, विज्ञान मानते हैं दीप कुमार.
- दीप कुमार 10 वर्षों से जादू दिखाकर जीवन यापन कर रहे हैं.
- प्रत्येक शो से लगभग 2 लाख की कमाई होती है.
औरंगाबाद. किसी इंसान को गायब कर देना ये किसी चमत्कार से कम नहीं हैं लेकिन जादूगर इसे चमत्कार नहीं बल्कि विज्ञान कहते हैं. चमत्कार और विज्ञान के इस खेल में जादूगर लोगों का मनोरंजन कर अपना और अपनी टीम का पालन करते हैं. बता दें अपनी जादुई कला से जिले भर में प्रसिद्ध जादूगर दीप कुमार पिछले 10 वर्षों से जादू दिखाकर अपना जीवन यापन करते हैं.
जादूगर दीप कुमार ने बताया कि उन्होंने शुरुआत में आजमगढ़ यूपी में पढ़ाई के दौरान जादूगरों के जादू को देखा था उसके बाद उन्हें जादू पसंद आया. इस दौरान उनकी मुलाकात विवेक कुमार से हुई वो जादूगर की टीम का हिस्सा थे. दीप कुमार ने उनसे जादू सीखने की इच्छा जाहिर की, जिसके बाद कुछ पैसे लेकर विवेक ने उन्हें भी टीम का हिस्सा बनाया.
तंत्र मंत्र नहीं विज्ञान है जादू
जादूगर दीप कुमार ने बताया कि उनकी टीम के साथ 2 वर्षों तक बड़े-बड़े शहरों में घूमकर जादू की प्रस्तुति दी. धीरे-धीरे उन्होंने इसकी शिक्षा भी ली. उन्होंने बताया कि जादूगरी में किसी भी तरह का कोई तंत्र मंत्र नहीं होता है. ये सिर्फ एक कला हैं और इसी की करतब दिखा कर हम जादू करते हैं. वह जादूगर पिछले 10 साल से बिहार, झारखंड सहित अन्य स्थानों पर जादू दिखाते आ रहे हैं. उनके साथ लगभग 20 लोगों की टीम है, जिनमें महिलाएं और पुरुष दोनों शामिल हैं.
प्रत्येक शो से लगभग 2 लाख की कमाई
वहीं उनके मैनेजर विनय सिंह ने बताया सालाना उनके द्वारा 6 से 8 बड़े शहरों में जादू का शो लगाया जाता है. वहीं प्रत्येक शो से लगभग 2 लाख रुपए की कमाई होती है. जिसमें उनके द्वारा शो देखने वाले लोगों को स्नैक से लेकर अन्य सुविधाएं दी जाती हैं.