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सीजन 18 में राजस्थान रायल्स की नाव डूबने वाली है जिसके लिए उनकी टीम मैनेजमेंट खुद जिम्मेदार है. राग रियान गाते गाते टीम का ये हाल हो गया है कि वो अब टीम से लगभग बाहर होने के कगार पर खड़े है. पहले तीन मैच में रि…और पढ़ें

कहीं रियाग पराग को प्रमोट करने के चक्कर में तो फेल हो रही है राजस्थान रॉयल्स ?
हाइलाइट्स
- राजस्थान रॉयल्स ने रियान पराग को कप्तान बनाया.
- पराग के खराब प्रदर्शन से टीम को नुकसान हुआ.
- रॉयल्स ने 7 में से 5 मैच हारे.
नई दिल्ली. किसी एक व्यक्ति विशेष से लगाव अक्सर काम खराब ही करता है जिसका सबसे बड़ा उदाहरण महाभारत में मिलता है जहां धृतराष्ट्र का दुर्योधन के लिए प्रेम और उनको राजा बनाने की आकांक्षा ये जानते हुए भी की वो राजा बनने के लायक नहीं है पूरे परिवार को युद्ध में झोंक देती है. लिखने का आशय ये है कि जो जिस लायक हो उसको वहीं जगह दी जानी चाहिए.
महाभारत का जो उदाहरण उपर दिया गया वो राजस्थान रॉयल्स की टीम मैनेजमेंट पर एकदम फिट बैठती है क्योंकि सिर्फ एक खिलाड़ी को उपर लाने के चक्कर में पूरी टीम को ही धरातल पर ला पटका है. हैरान करने वाली बात तो ये है कि क्रिकेट के द्रोणाचार्य भी ये सब होते देखकर चुप है और जो निर्देश मिल रहा है उसका पालन कर रहे है.
राजस्थान का ‘राग’ रियान फेल
सीजन के शुरुआत से संकेत मिलने लगे थे जब टीम में कई अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेले हुए खिलाड़ियों को दरकिनार करते हुए राजस्थान रॉयल्स ने टीम का कप्तान रियान पराग को बना दिया था. ये वो पहला कदम था जिससे टीम में कई खेमें बंट गए पर टीम मैनेजमेंट पराग के प्यार में वशीभूत था तो उनको वो चिंगारी दिखाई नहीं दी जो आने वाले समय में आग बनने वाली थी. हद तो तब हो गई जब दिल्ली के खिलाफ सुपर ओवर में बल्लेबाजी करने के लिए यशस्वी जयासवाल की जगह रियान पराग को भेज दिया गया. अब आप ही सोचिए जिस बल्लेबाज ने छोडी देर पहले ही स्टार्क के ओवर में 19 रन बनाए हो उसको दरकिनार करते हुए पराग को भेजा गया. ये पराग प्यार ही है जो टीम 7 में से 5 मैच हार चुकी है और उनके उपर टूर्नामेंट से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा है.
पराग का 2025 में प्रदर्शन
बड़ी पुरानी कहावत है कि सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का, यानि टीम मैनेजमेंट ही जब जेब में हो तो चाहे आप कप्तानी करें या सुपर ओवर में बल्लेबाजी कौन रोकने वाला है. रियान पराग ने 7 मैच में कुल 173 रन बनाए है जिसमें उनका उच्चतम योग 43 का है . इस सीजन में उनको नंबर 3 पर बल्लेबाजी कराई जा रही है तो ये भी नहीं कह सकते कि गेंद कम मिल रही है खेलने को. फिर भी रियान पराग एक भी अर्धशतक नहीं लगा पाएं है. किसी भी खिलाड़ी को प्रमोट करने में कोई बुराई नहीं पर उससे टीम को ही नुकसान होने लगे तो दिक्कत है जिसको राजस्थान रॉयल्स को समझते और ठीक करने की जरूरत है.