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Bihar Organic Farming Promotion Scheme: जैविक खेती प्रोत्साहन योजना के तहत कृषि विभाग किसानों को गोबर गैस संयंत्र लगाने के लिए सब्सिडी दे रहा है. दो घन मीटर का गोबर गैस बनाने पर अधिकतम 22,500 सब्सिडी मिलेंगे. क…और पढ़ें

इस संयंत्र को बनाते हैं तो उन्हें महीने का 2 हजार रूपये तक बचत भी हो सकती है.
हाइलाइट्स
- किसानों को गोबर गैस संयंत्र पर 22,500 की सब्सिडी मिलेगी.
- डीबीटी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
- गोबर गैस से खाना बनाने और बिजली उत्पादन में मदद मिलेगी.
गया. अगर आप किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं और आपके घर में दो-चार जानवर है, तो यह खबर आपके काम की है. दरअसल, जैविक खेती प्रोत्साहन योजना के तहत कृषि विभाग के द्वारा किसानों को गोबर गैस संयंत्र लगाने के लिए सब्सिडी दिया जा रहा है. दो घन मीटर का गोबर गैस बनाने पर अधिकतम 22,500 का सब्सिडी दिया जाता है. किसान डीबीटी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर इसका लाभ ले सकते हैं. किसान अगर इस संयंत्र को बनाते हैं तो उन्हें महीने का 2 हजार रूपये तक बचत भी हो सकती है.
बिजली का भी कर सकते हैं उत्पादन
वैसे किसान जो अपने घरों में एलपीजी सिलेंडर खरीदते हैं और महीने का 1-2 हजार रुपए खर्च करते हैं, वह गोबर गैस संयंत्र बनाकर उसकी बचत कर सकते हैं. गोबर गैस से किसान खाना बनाने के साथ बिजली का उत्पादन कर सकते हैं. यह गैस इतना स्वच्छ होता है कि पर्यावरण को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचता है. गोबर गैस के टंकी से निकलने वाले स्लरी का इस्तेमाल जैविक खाद के रूप में भी किया जा सकता है. किसान इसका इस्तेमाल खेतों में कर अपने अनाज का उत्पादन भी बढ़ा सकते हैं.
गौबर गैस संयत्र पर सरकार दे रही अनुदान
गया जिले में वर्ष 2022-23 में तीन किसानों को इसका लाभ मिला है और उन्होंने संयंत्र स्थापित किया है. वहीं वर्ष 2024-25 में एक किसान का चयन गोबर गैस बनाने के लिए किया गया था, लेकिन किसान ने दिलचस्पी नहीं दिखाई. गया जिला कृषि पदाधिकारी अजय कुमार सिंह बताते हैं कि गोबर गैस के दिनबंधु मॉडल में कम से कम 10×12 वर्ग फीट भूमि की आवश्यकता होती है. इसमें सरकार के द्वारा अधिकतम एक इकाई पर 21000 एवं सर्विस प्रोवाइडर को 1500 यानी कुल 22500 अनुदान दिया जाता है.
किसानों को डीबीटी पोर्टल पर करना होगा आवेदन
डीएओ अजय कुमार सिंह ने बताया कि वैसे किसान जिनके पास गाय, भैंस या अन्य पशुधन है, वह इसका लाभ ले सकते हैं. गोबर गैस संयंत्र में ताजा गोबर डालकर गैस का उत्पादन कर उसका इस्तेमाल खाना बनाने और बिजली के लिए कर सकते हैं. इसके अलावा बायोगैस के टंकी से निकलने वाले स्लरी का इस्तेमाल वर्मी कंपोस्ट के रूप में कर सकते हैं. इसका लाभ लेने के लिए किसानों को डीबीटी पोर्टल पर आवेदन करना होगा. कुछ ही दिनों में इसका पोर्टल खोला जाएगा और किसान लाभ ले सकते हैं.