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Kanpur News: नगर निगम की कान्हा गौशाला और बेसहारा पशु आश्रय स्थल को आईएसओ 9001 का सर्टिफिकेट मिल गया है. इस गौशाला में अच्छी व्यवस्थाओं के चलते यह सर्टिफिकेट प्रदान किया गया है.

प्रमाण पत्र
हाइलाइट्स
- कान्हा गौशाला को आईएसओ 9001 सर्टिफिकेट मिला
- गौशाला में बेसहारा और बीमार गायों का इलाज होता है
- गौशाला में महिलाओं को रोजगार के अवसर मिले
कानपुर:- कानपुर नगर निगम की कान्हा गौशाला और बेसहारा पशु आश्रय स्थल को आईएसओ 9001 का प्रमाण-पत्र मिल गया है. यह प्रमाण-पत्र गुणवत्ता, प्रबंधन और संचालन प्रणाली के अच्छे होने के कारण दिया गया है. इससे पहले कानपुर नगर की किशनपुर जागा गांव में नगर निगम की गौशाला को यह प्रमाण-पत्र मिला था. अब कान्हा गौशाला दूसरी आईएसओ प्रमाणित गौशाला बन गई है.
बेहद खास है कानपुर की कान्हा गौशाला
कान्हा गौशाला की स्थापना वर्ष 2019 में हुई थी और इसका संचालन 2020 में शुरू किया गया था. यह गौशाला 20 एकड़ जमीन पर फैली हुई है. मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. आकाके निरंजन ने बताया, कि कान्हा गौशाला को यह प्रमाण-पत्र सेवा की गुणवत्ता और संचालन की बेहतर प्रणाली के कारण दिया गया है. इस गौशाला में बेसहारा और बीमार गायों का संरक्षण, इलाज, पालन-पोषण और देखभाल की जाती है. यहां पर आधुनिक तरीके से पशुओं का इलाज किया जाता है. गौशाला में एक मोबाइल नीपर घास यूनिट, वेटरनरी हॉस्पिटल और ट्रॉमा सेंटर भी है. इन सभी सुविधाओं की अच्छी व्यवस्था और नियमित समीक्षा के कारण ही यह प्रमाण-पत्र मिला है.
लोगो को मिला रोजगार
नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने कहा, कि नगर निगम की कान्हा गौशाला को आईएसओ प्रमाण-पत्र मिलना गर्व की बात है. पिछले पांच सालों से यह गौशाला लगातार अच्छा काम कर रही है. इसके कारण कई महिलाओं को रोजगार भी मिला है. गौशाला में महिलाओं को विशेष रूप से रोजगार से जोड़ा गया है. यहां गोबर से बने दीपक, गोकाष्ठ और अन्य चीजों का निर्माण किया जा रहा है. गौमूत्र और वर्मी कम्पोस्ट से जैविक खाद भी तैयार की जा रही है. इन सभी कार्यों में एक दर्जन से अधिक महिलाएं जुड़ी हुई हैं. साथ ही नीपर घास का भी उत्पादन किया जा रहा है, जो पशुओं के लिए फायदेमंद है.
कान्हा गौशाला में वैज्ञानिक और मुख्यधारा के ढंग से गायों की सेवा की जा रही है. यह प्रयास न सिर्फ पशु कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी एक बड़ी पहल है. इस तरह नगर निगम की यह पहल न सिर्फ बेसहारा पशुओं को सुरक्षा दे रही है, बल्कि समाज के अन्य वर्गों को भी लाभ पहुंचा रही है. आईएसओ प्रमाण-पत्र मिलने से यह गौशाला अब और भी अच्छी बनेगी.