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Uttarakhand Education Scheme : उत्तराखंड सरकार ने कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों को मुफ्त नोटबुक देने की योजना शुरू की है. इस योजना से 10 लाख छात्रों को हर साल लाभ मिलेगा. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे शिक्…और पढ़ें

उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में मिलेगी फ्री नोटबुक्स
हाइलाइट्स
- उत्तराखंड में छात्रों को मुफ्त नोटबुक्स मिलेंगी.
- योजना से 10 लाख छात्रों को हर साल लाभ मिलेगा.
- सरकार DBT के जरिए राशि सीधे खातों में भेजेगी.
देहरादून : उत्तराखंड में बच्चों की पढ़ाई अब और आसान होगी, बोझ थोड़ा हल्का और अभावों से छुटकारा मिलेगा. उत्तराखंड के लाखों सरकारी स्कूली बच्चों के लिए राज्य सरकार ने एक और बड़ा तोहफा देने की तैयारी पूरी कर ली है. जहां अब तक बच्चों को निशुल्क किताबें और यूनिफॉर्म मिलती थी, वहीं अब सरकार ने कॉपियों यानी नोटबुक्स को भी इस फ्री लिस्ट (Free notebooks) में शामिल कर दिया है. हाल ही में हुई कैबिनेट की बैठक में शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है, जिसके बाद शैक्षिक सत्र 2025-26 से प्रदेश के कक्षा 1 से 12 तक के सभी छात्रों को हर साल मुफ्त नोटबुक दी जाएगी. ये योजना सरकारी और सहायता प्राप्त (Uttarakhand students) अशासकीय स्कूलों, दोनों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए लागू होगी.
सरकार की योजना बेहद विस्तृत और कक्षा के मुताबिक तय की गई है. योजना को इस तरह से तैयार किया गया है कि हर कक्षा के अनुसार छात्रों की शैक्षणिक ज़रूरतें पूरी हो सकें और उन्हें बाजार में कॉपी खरीदने के लिए अभिभावकों पर निर्भर न रहना पड़े.
- कक्षा 1 से 2 के बच्चों को दिया जाएगा 100 पेज का एक नोटबुक
- कक्षा 3 से 5 तक के बच्चों को 100 पेज के 3 नोटबुक्स
- कक्षा 6 से 8 के बच्चों को 100 पेज के 5 नोटबुक्स
- कक्षा 9 से 12 के छात्रों को 120 पेज के 5 नोटबुक्स
बैंक अकाउंट में मिलेगा पैसा
इस योजना की सबसे ख़ास बात यह है कि सरकार डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के ज़रिए छात्रों को यह सुविधा देगी. यानी, सरकार की ओर से नोटबुक के लिए निर्धारित राशि सीधे बच्चों या उनके अभिभावकों के बैंक खाते में भेजी जाएगी, ताकि वह इसे आसानी से उपयोग कर सकें.
10 लाख छात्रों के लिए साबित होगा गेम चेंजर
राज्य सरकार के अनुसार तो इस योजना से करीब 10 लाख छात्र-छात्राओं को हर साल लाभ मिलेगा. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई में इस योजना को ‘गेम चेंजर’ करार दिया गया है, जो शिक्षा को सुलभ और समावेशी बनाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है. अब उत्तराखंड के छात्रों को पढ़ाई के रास्ते में एक और सुविधा मिल गई है. कॉपी की चिंता खत्म, फोकस सिर्फ पढ़ाई पर.