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Trump Tariffs Impact: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जो टैरिफ वॉर शुरू किया है, उसकी सबसे ज्यादा मार अमेरिकी शेयर बाजार पर ही पड़ती दिख रही है. अमेरिकी शेयर बाजार में लगातार दूसरे दिन शुक्रवार (4 अप्रैल…और पढ़ें

चीनी ड्रैगन से प्रहार से मच गया घमासान
हाइलाइट्स
- अमेरिकी शेयर बाजारों में लगातार दूसरे दिन तबाही
- नैस्डैक 5% और एसएंडपी500 5.10 फीसदी टूटा
- चीन ने अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर 34% टैरिफ लगाया
Trump Tariffs Impact: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ ऐलान का असर अमेरिका पर ही भारी पड़ता दिख रहा है. अमेरिका की ओर से घोषित रेसिप्रोकल टैरिफ पर चीन के जवाबी पलटवार ने आग में घी का काम किया है. इन वजहों के चलते अमेरिकी शेयर बाजार में लगातार दूसरे दिन शुक्रवार (4 अप्रैल) को हाहाकार मच गया है. खबर लिखे जाने तक अमेरिका में नैस्डैक 4.99 फीसदी फिसल गया. एसएंडपी500 भी 5.10 फीसदी गिर गया. इसके अलावा डाउ जोंस में 4.28 फीसदी की बड़ी गिरावट आई.
ट्रंप के टैरिफ का असर दुनिया भर के बाजारों पर दिख रहा है. जापान के निक्केई 225 में 2.83 फीसदी और थाईलैंड के एसईटी इंडेक्स में 3.25 फीसदी की गिरावट देखी गई है.
3 अप्रैल को भी अमेरिकी बाजार में आई थी तबाही
इससे पहले गुरुवार (3 अप्रैल) को अमेरिकी शेयर बाजार में 2020 के बाद की सबसे तेज गिरावट देखने को मिली थी. एसएंडपी500 इंडेक्स 4.84 फीसदी या 274.45 अंक टूटकर 5,396.52 पर बंद हुआ. नैस्डैक कंपोजिट इंडेक्स 5.97 फीसदी या 1,050.44 अंक गिरकर 16,550.60 पर आ गया. वहीं डाउ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज 3.98 फीसदी या 1,679.39 अंक फिसलकर 40,545.93 पर बंद हुआ.
भारतीय शेयर बाजार में भी भारी गिरावट
खराब ग्लोबल संकेतों ने भारतीय बाजार का मूड बिगाड़ा. सेंसेक्स-निफ्टी भारी गिरावट के साथ बंद हुआ. शुक्रवार (4 अप्रैल) को कारोबार के अंत में सेंसेक्स 930.67 अंक यानी 1.22 फीसदी की गिरावट के साथ 75,364.69 के लेवल पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 345.65 अंक यानी 1.49 फीसदी की गिरावट के साथ 22,904.45 के लोवल पर बंद हुआ.
तिलमिला उठा चीन, अमेरिका पर ठोका 34 फीसदी जवाबी टैक्स
बता दें कि अमेरिका पर पलटवार करते हुए चीन ने शुक्रवार (4 अप्रैल 2025) को वहां से आयातित सभी प्रोडक्ट्स पर 34 फीसदी एडिशनल टैरिफ लगाने का फैसला किया. सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, ये टैरिफ 10 अप्रैल से अमेरिकी चीजों पर लगाए जाएंगे. यह ऐलान चीनी निर्यात पर रेसीप्रोकल टैरिफ (Reciprocal Tariffs) लगाने के अमेरिकी फैसले के बाद की गई है.