Thursday, April 17, 2025
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बच्चा समझ कर कभी न करें नजरअंदाज, इस सांप के बच्चे जन्म से ही होते हैं जहरीले.. डसने पर तय है दर्द भरी मौत


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पश्चिम चम्पारण में गर्मियों में सांप के छोटे बच्चों को नजरअंदाज करना जानलेवा हो सकता है. एक्सपर्ट स्वप्निल खताल के अनुसार, रसेल वाइपर के नवजात बच्चे भी विषधर होते हैं और डंसने पर मौत हो सकती है.

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प्रतीकात्मक 

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हाइलाइट्स

  • रसेल वाइपर के नवजात बच्चे भी विषैले होते हैं.
  • रसेल वाइपर का डंसना समय पर इलाज न मिलने पर जानलेवा हो सकता है.
  • रसेल वाइपर भारत में अंडे नहीं, सीधे बच्चे को जन्म देते हैं.

पश्चिम चम्पारण. गर्मियों में कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें लोगों का सामना सांप के छोटे बच्चों से हो रहा है और इस दौरान वो बेखौफ होकर उन्हें नजरअंदाज कर दे रहे हैं. उन्हें ऐसा लग रहा है कि ये छोटे बच्चे विषहीन हैं, जिससे उन्हें किसी भी प्रकार का कोई खतरा नहीं है. इसपर जानकारों का कहना है कि ऐसा करना पूरी तरह से जानलेवा हो सकता है. कुछ संपोले ऐसे भी होते हैं जिनका जन्म विषदंतों के साथ होता है. ऐसे में कुछ घंटे पहले जन्मा बच्चा भी यदि डस ले, तो उपचार न मिलने पर मौत पक्की हो जाती है.

पिछले 22 साल से वाइल्ड लाइफ पर काम कर रहे एक्सपर्ट स्वप्निल खताल बताते हैं कि कुछ घंटे पहले जन्मा रसेल वाइपर का बच्चा भी यदि आपको डस ले, तो उससे भी जान जाने की पूरी संभावना होती है. दरअसल, रसेल वाइपर भारत में पाए जाने वाले इकलौते ऐसे सांप हैं, जो अंडे न देकर सीधे बच्चे को जन्म देते हैं. इनके नवजात बच्चे भी जन्म से ही विषधर होते हैं. ऐसे में यदि ये आपको डस लें और समय से उपचार न मिल तो मौत तय है. आश्चर्य की बात यह है कि भारत में पाए जाने वाले सभी सांपों की तुलना में रसेल वाइपर के दांत सबसे लंबे (1 इंच तक ) होते हैं.

हीमो टॉक्सिन विष से लैस, दर्द भरी होती है मौत
बकौल स्वप्निल, रसल वाईपर में होमोटॉक्सिन विष पाया जाता है. अगर यह डस ले तो इसका जहर आपके रक्त को जमाने लगता है. इससे शरीर में खून के थक्के बनने लगते हैं, साथ ही टिशू और हड्डियां भी गलने लगती हैं. इस दौरान व्यक्ति को यदि समय पर इलाज न मिल पाए, तो घंटे भर के अंदर ही पक्का मौत हो जाती है. इसकी तुलना में करैत और कोबरा का विष न्यूरोटॉक्सिन होता है. उनके डंसने से तांत्रिक तंत्र फेल हो जाती है और मस्तिष्क काम करना बंद कर देता है. गौर करने वाली बात यह है कि बिहार के इकलौते टाइगर रिजर्व ‘वाल्मीकि’ के घने जंगलों में रसल वाइपर, कोबरा और करैत बड़ी संख्या में पाए जाते हैं. बिहार में रसल वाइपर को सुस्कार नाम से जाना जाता है.

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