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Haridwar: मोहिनी एकादशी पर जहां पूजा-पाठ से बहुत से फल मिलते हैं, वहीं कुछ काम वर्जित भी बताए गए हैं. इस दिन भूलकर भी इन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए.

मोहिनी एकादशी पर तामसिक वस्तुओं का सेवन वर्जित
हाइलाइट्स
- मोहिनी एकादशी पर तामसिक वस्तुएं न खाएं.
- व्रत के दौरान पवित्रता और भक्ति भाव रखें.
- 7 मई से तामसिक वस्तुओं का सेवन बंद करें.
हरिद्वार. सभी 24 एकादशी में मोहिनी एकादशी का अपना महत्व होता है. मोहिनी एकादशी के व्रत को करने से मोह माया के सभी बंधन कट जाते हैं और व्यक्ति के जीवन में सुख समृद्धि, खुशहाली का आगमन होता है. मोहिनी एकादशी का व्रत करने से मोह माया से छुटकारा मिल जाता है और सांसारिक सुखों की प्राप्ति होने की धार्मिक मान्यता बताई गई है.
हिंदू धार्मिक ग्रंथो के अनुसार अगर मोहिनी एकादशी का व्रत विधि विधान से किया जाए तो अनेक लाभ मिलते हैं लेकिन व्रत विधि विधान से नहीं किया जाता तो जीवन में अनेक समस्याएं घर कर लेती हैं और कई जन्मों तक इसका दोष दूर नहीं होता है. मोहिनी एकादशी व्रत के दिन कुछ वस्तुओं का सेवन और कुछ कार्य करने वर्जित बताए गए हैं.
इन चीजों से रहें दूर
इन सवालों को लेकर हमने उत्तराखंड के हरिद्वार के ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीधर शास्त्री से बातचीत की. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि सभी 24 एकादशी में मोहिनी एकादशी का व्रत वैशाख मास शुक्ल पक्ष में एकादशी तिथि के दिन किया जाता है. मोहिनी एकादशी पर भगवान विष्णु की आराधना, पूजा पाठ, स्तोत्र का पाठ, मंत्रों का जाप आदि करने से मोह माया के सभी बंधन टूट जाते हैं, ऐसी मान्यता है.
लेकिन अगर इस एकादशी पर तामसिक वस्तुएं प्याज, लहसुन, अंडा, मांस, शराब, चावल आदि का सेवन किया जाए तो साधक के जीवन में समस्याएं आनी शुरू हो जाती हैं साथ ही इसका पाप जन्मों जन्म तक दूर नहीं होता है.
इन नियमों का करें पालन
वह आगे बताते हैं कि अगर साधक द्वारा भूलवश भी वर्जित वस्तुओं का सेवन किया जाता है तो उसका जीवन नरक के समान हो जाता है. शास्त्रों के अनुसार मोहिनी एकादशी व्रत से 24 घंटे पूर्व ही इन सभी तामसिक वस्तुओं का सेवन बंद करना जरूरी होता है. व्रत को करने के दौरान मन में पवित्रता और भक्ति भाव का होना भी जरूरी होता है.
अगर व्रत के दिन किसी साधक के मन में ईर्ष्या, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार आदि हो तो उसे व्रत का कोई लाभ नहीं मिलता बल्कि इसके विपरीत पाप लगता है. साल 2025 में मोहिनी एकादशी का व्रत 8 मई को होगा और इन वस्तुओं का सेवन 7 मई से ही बंद करना होगा. पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि मोहिनी एकादशी व्रत का पालन 7 मई की संध्याकाल से शुरू होगा जिसका समापन द्वादश यानि 9 अप्रैल की सुबह तक होगा.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.