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Ram Mandir Ayodhya: अयोध्या में 500 सालों के संघर्ष और 1200 करोड़ रुपये की लागत से बने राम मंदिर का निर्माण पूरा हुआ. यह मंदिर भारतीय संस्कृति और आस्था का प्रतीक है, जो नागर शैली में बना है.

राम मंदिर, अयोध्या
हाइलाइट्स
- अयोध्या में 1200 करोड़ की लागत से राम मंदिर का निर्माण पूरा हुआ.
- राम मंदिर नागर शैली में बना, 380 फीट लंबा और 161 फीट ऊंचा है.
- 500 साल के संघर्ष और 76 युद्धों के बाद राम मंदिर साकार हुआ.
Ram Mandir Ayodhya: अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण, जो कभी एक सपना था, अब हकीकत बन चुका है. 500 सालों के संघर्ष, लंबे इंतजार, आस्था और विश्वास के बाद, राम भक्तों का यह सपना अब साकार हो चुका है. इस भव्य मंदिर का निर्माण न केवल एक धार्मिक स्थल की स्थापना है, बल्कि भारतीय इतिहास और संस्कृति का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है. 1200 करोड़ रुपये की लागत से बने इस मंदिर को पूरा होने में 56 महीने का समय लगा. राम मंदिर अब भारतीय संस्कृति और आस्था का प्रतीक बन चुका है.
राम मंदिर का स्थापत्य और संरचना
अयोध्या का राम मंदिर राजस्थान के बंसी पहाड़पुर से लाए गए 4.5 लाख क्यूबिक पत्थरों से निर्मित है. नागर शैली में बने इस मंदिर की कुल लंबाई 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है. तीन मंजिला इस मंदिर में 392 स्तंभ लगाए गए हैं और इसे 50 फीट गहरी पत्थरों की चट्टान पर बनाया गया है. यह मंदिर तकनीकी दृष्टि से भी अद्वितीय है, जहां वैज्ञानिक तकनीक का उपयोग किया गया है ताकि यह मंदिर 1000 साल तक सुरक्षित रहे.
राम मंदिर संघर्ष एक ऐतिहासिक यात्रा
अयोध्या में राम मंदिर को लेकर संघर्ष 1528 से शुरू हुआ और इस दौरान वर्ष 1949 तक हिंदुओं ने इस स्थल की मुक्ति के लिए 76 युद्ध लड़े. ये युद्ध और संघर्ष इस ऐतिहासिक स्थल को पुनः हिन्दू आस्था का केंद्र बनाने के लिए थे. 22-23 दिसंबर 1949 को इस संघर्ष की एक नई कहानी शुरू हुई, और आज 500 साल बाद प्रभु राम का भव्य मंदिर अयोध्या में बनकर तैयार है. 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के रास्ते को साफ किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को इस मंदिर की आधारशिला रखी और इसके बाद निर्माण कार्य शुरू हुआ. अब यह मंदिर अयोध्या में लाखों राम भक्तों के लिए आस्था का प्रतीक बन चुका है.
भारत की सांस्कृतिक धरोहर
राम मंदिर का निर्माण केवल एक धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का अद्वितीय प्रतीक है. यह मंदिर न केवल भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में राम भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल बन चुका है. आज अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के बाद लाखों भक्त दर्शन के लिए यहां पहुंचते हैं और यह स्थल भारतीय आस्था और संस्कृति का केंद्र बन चुका है.