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Samastipur Bihar Beekeeping: बिहार में मधमक्खी पालन का चलन लगातार बढ़ रहा है. खासकर समस्तीपुर के किसान इसमें अधिक दिलचस्पी ले रहे हैं. मधुमक्खी पालनकरने वाले रमेश ने बताया कि मौसम अनुकूल रहने पर 5 से 7 लाख तक की…और पढ़ें

मधुमक्खी पालन
हाइलाइट्स
- रमेश मधुमक्खी पालन से सालाना 7 लाख कमाते हैं.
- मधुमक्खी पालन के लिए रमेश 6 महीने घर से बाहर रहते हैं.
- समस्तीपुर में मधुमक्खी पालन का चलन बढ़ रहा है.
समस्तीपुर. शहद जितना सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है, उतना ही इसका उत्पादन करने वालों के लिए फायदेमंद है. मधुमक्खी पालन किसानों के लिए आमदनी का बड़ा जरिया भी बन चुका है. शहद उत्पादन के लिए मधुमक्खी पालन का व्यवसाय तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. आज के समय में कई किसान इसको अपनाकर लाखों की कमाई कर रहे हैं. ऐसा ही एक उदाहरण समस्तीपुर जिले के सिंघिया गांव के रहने वाले रमेश कुमार हैं, जो पिछले 8 वर्षों से मधुमक्खी पालन का काम कर रहे हैं. साथ ही इससेअच्छी कमाई भी कर रहे हैं.
7 लाख तक सालाना हो जाती है कमाई
रमेश कुमार के पास वर्तमान में करीब 300 बॉक्स है, जिसमें मधुमक्खियों का पालन कर रहे हैं. रमेश ने बताया कि अगर मौसम साथ दे और समय पर देख-रेख हो, तो हर सीजन में 5 से 7 लाख रुपये तक की आमदनी हो जाती है. रमेश बताते हैं कि मधुमक्खी पालन एक ऐसा व्यवसाय है, जिसमें मेहनत तो है, लेकिन फायदा भी जबरदस्त है. इस काम में रात को भी जागना पड़ता है और ऑफ सीजन में मधुक्खियों को बैठाकर चीनी खिलानी पड़ती है. किसान रमेश ने बताया कि यह काम उन्होंने अपने पिता से सीखा है. 8 साल पूर्व जब उन्होंने इस काम की जिम्मेदारी संभाली थी, तब से लगातार मेहनत कर रहे हैं. पिता ने इस व्यवसाय की नींव रखी थी, अब खुद इसको आगे बढ़ा रहे हैं.
6 महीने घर से रहना पड़ता है बाहर
रमेश ने बताया कि शहद उत्पादन कोई साधारण धंधा नहीं, बल्कि एक बहुत ही लाभकारी पेशा है. सीजन के दौरान आम, लीची जैसे फूलों वाले बगान में अपने बॉक्स लेकर घूमते हैं, ताकि मधुमक्खियां पराग इकट्ठा कर सकें. रमेश बताते हैं कि 6 महीने बाहर घूमकर मधुमक्खियों के लिए खाना जुटाते हैं, बांकी 6 महीने घर पर बैठकर इन्हें चीनी खिलाते हैं. उनका मानना है कि अगर सही प्रशिक्षण और लगन से किया जाए तो मधुमक्खी पालन कम समय में अच्छा मुनाफा देने वाला व्यवसाय है. रमेश जैसे किसान इस बात के जीते-जागते उदाहरण हैं कि कैसे परंपरागत व्यवसायों में भी नवाचार और मेहनत के जरिए बड़ी सफलता पाई जा सकती है.