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Valmiki Tiger Reserve: VTR की जैव विविधता और भी गहरी होती जा रही है. यहां वन्य जीवों की आबादी में बढ़ोतरी दर्ज हो रही है. वीटीआर दुर्लभ वन्य जीवों का भी बसेरा है. 900 वर्ग मीटर में फैले इस रिजर्व में 130 से अध…और पढ़ें

प्रतीकात्मक तस्वीर
हाइलाइट्स
- VTR में वन्यजीवों की संख्या बढ़ रही है.
- VTR में 54 बाघ, 130 तेंदुए, 300 गौर हैं.
- VTR की खूबसूरती देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करती है.
पश्चिम चम्पारण. वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व की जैव विविधता अब और भी गहरी होती जा रही है. हर बीतते दिन के साथ यहां वन्य जीवों की आबादी में बढ़ोतरी को दर्ज किया जा रहा है. बाघ, तेंदुआ, स्लॉथ बियर, लकड़बग्घा, भेड़िया तथा मगरमच्छ जैसे मांसाहारी और माहिर शिकारी जीवों के इस गढ़ में हिमालयन सेरो, बार्किंग डियर, बड़े आकार के गरुड़, किंग कोबरा तथा ढोल( जंगली शिकारी कुत्ते) जैसे दुर्लभ जीवों का भी बसेरा है. VTR में तैनात नेचर गाइड बताते हैं कि यहां आने वाले देसी और विदेशी पर्यटक जंगल की भव्यता और प्रकृति के खूबसूरत नज़ारों को देख बेहद रोमांचित हो जाते हैं.
वाइल्ड लाइफ के एपेक्स जीवों का है गढ़
ज़िले के टूर ऑपरेटर शुभम बताते हैं कि वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व में 130 से अधिक तेंदुए, 300 से अधिक गौर, 150 से अधिक स्लॉथ बियर तथा 54 के आस-पास बाघों की संख्या है. क़रीब 900 वर्ग किलोमीटर में फैले इस जंगल के लिए मांसाहारी जीवों की इतनी संख्या अपने आप में सराहनीय है. देश के विभिन्न राज्यों सहित दुनिया के कई देशों से आए पर्यटकों को VTR की यही खूबसूरती पसन्द आती है.
जंगल में स्थापित है प्राचीन मंदिर
बकौल शुभम, यदि आप घने जंगलों के साथ चम्पारण में बसे बेहद प्राचीन मंदिरों और नेपाल की सभ्यता संस्कृति को देखना चाहते हैं, तो आपको VTR के डिविजन दो में आने वाले वाल्मीकि नगर रेंज जरूर आना चाहिए. दरअसल, वाल्मीकि नगर रेंज में नर देवी, जटा शंकर और कोलश्वर महादेव जैसी कई प्राचीन मंदिरे हैं, जिन्हें ऋषि मुनियों ने अलग अलग युगों में स्थापित किया था. इतना ही नहीं, आप यहां से त्रिवेणी घाट, गंडक बराज और मदरिया पहाड़ जैसी खूबसूरत जगहों का भी दीदार कर सकते हैं.
कुदरत की खूबसूरती का भी संगम है VTR
ऐसे ही यदि आप वाइल्ड लाइफ को बेहद क़रीब से महसूस करना चाहते हैं, तो आपको VTR के डिविजन एक के अंतर्गत आने वाले मुंगराहा, गोवर्धना और रघिया जैसे रेंजों में जरूर जाना चाहिए. गौर करने वाली बात यह है कि 2024-25 का पर्यटन सत्र में सफारी का सिलसिला 21 अक्टूबर 2024 से शुरू हुआ था, जिसके जून 2025 तक चलने की संभावना है. दरअसल मॉनसून के दौरान टाइगर रिजर्व में भ्रमण प्रतिबंधित रहता है, जो मॉनसून बीतते ही पुनः शुरू हो जाता है.