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अमेरिका ने पाकिस्तान पर 29 परसेंट टैरिफ लगाकर उस पर दबाव बढ़ा दिया है. ट्रंप प्रशासन अब पाकिस्तान से दुर्लभ खनिजों की मांग कर रहे हैं. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और पाकिस्तानी मंत्री इशाक डार के बीच व्य…और पढ़ें

अमेरिका ने पाकिस्तान पर भारी टैरिफ लगाया है. (Reuters)
हाइलाइट्स
- अमेरिका ने पाकिस्तान पर 29% टैरिफ लगाया
- अमेरिका पाकिस्तान से दुर्लभ खनिजों की मांग कर रहा है
- अमेरिका-पाकिस्तान व्यापार घाटा 2024 में 3 बिलियन डॉलर था
वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप टैरिफ के जरिए दुनिया के देशों को झुकाने में लगे हैं. कई देश धीरे-धीरे ट्रंप की बात मानने लगे हैं. पाकिस्तान को भी अब अमेरिका टैरिफ का दबाव देकर जाल में फंसाने लगा है. अमेरिका अब पाकिस्तान से उसका खजाना चाहता है. वही खजाना जो अभी तक ट्रंप यूक्रेन से मांग रहे थे. इस खजाने का नाम है, रेयर अर्थ मिनरल्स यानी पृथ्वी में मिलने वाले दुर्लभ खनिज. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने सोमवार को पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार के साथ टैरिफ, व्यापार संबंध, इमीग्रेशन और खनिजों पर सहयोग की संभावना पर चर्चा की. दोनों देशों के विदेश मंत्रालय ने इसके लिए अलग-अलग बयान जारी किए हैं.
दोनों की बातचीत ऐसे समय में हुई है जब ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान पर 29 फीसदी टैरिफ लगाया. सवाल है कि क्या यह चर्चा पाकिस्तान को राहत देगी या उसकी मुश्किल बढ़ाएगी? राष्ट्रपति ट्रंप ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि अमेरिका सभी आयातों पर 10 फीसदी बेसलाइन टैरिफ और दर्जनों देशों पर ऊंची दरें लगाएगा. ट्रंप ने उन देशों को भी निशाना बनाया है जो पारंपरिक तौर पर भारत के सहयोगी रहे हैं. इन फैसलों ने वैश्विक व्यापार को बुरी तरह हिलाकर रख दिया है. पाकिस्तान पर 29 फीसदी टैरिफ भी इसी का हिस्सा हैं. अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कर्यालय के मुताबिक 2024 में अमेरिका-पाकिस्तान का व्यापार घाटा 3 बिलियन डॉलर था, जो 2023 से 5.2 फीसदी ज्यादा है.
अमेरिका चाहता है खनिज
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘रुबियो और डार ने पाकिस्तान पर अमेरिकी जवाबी टैरिफ पर चर्चा की. दोनों ने एक निष्पक्ष व संतुलित व्यापार संबंध की दिशा में प्रगति पर बात की.’ इस दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री ने महत्वपूर्ण खनिजों पर सहयोग और अमेरिकी कंपनी के लिए व्यावसायिक अवसरों को बढ़ाने की संभावना जताई. ट्रंप प्रशासन अन्य देशों के साथ भी खनिजों को लेकर सहयोग करना चाहते हैं. मिसाल के तौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध में अमेरिकी मदद के बदले ट्रंप यूक्रेन से दुर्लभ खनिज मांग रहे हैं. कांगो में भी संघर्ष खत्म करने के लिए खनिज साझेदारी की बात की है.
चीन को टक्कर देने की तैयारी?
सवाल यह भी है कि क्या पाकिस्तान खनिज क्षेत्र में साझेदारी कर चीन को टक्कर देने की तैयारी तो नहीं कर रहा है? क्योंकि CPEC के जरिए चीन ने पाकिस्तान में अपना प्रभाव बढ़ाया है. इसके अलावा रुबियो ने डार से कानून प्रवर्तन और अवैध आप्रवासन पर सहयोग मांगा. हाल ही में पाकिस्तान ने अमेरिका के साथ आतंकवाद के खिलाफ सहयोग भी दिखाया था. पाकिस्तान ने 2021 में काबुल हवाई अड्डे पर बम धमाके के लिए जिम्मेदार मोहम्मद शरीफुल्लाह को अमेरिका को सौंपा था.