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किसी को शौक रहता है गाड़ी खरीदने का, किसी को घोड़ा खरीदने का, तो किसी को और भी अन्य चीजों का शौक रहता है. लेकिन भागलपुर के एक शख्स का शौक था घर को अलग लुक देने का.

स्कोर्पियो डिजाइन
हाइलाइट्स
- भागलपुर के राजकुमार मंडल ने घर की छत पर स्कोर्पियो बनवाई.
- स्कोर्पियो बनाने में 3 माह और 3 लाख रुपये लगे.
- रात में स्कोर्पियो असली जैसी दिखती है.
भागलपुर:- ‘वक्त की सीढ़ियों पर उम्र तेज चलती है, जवां रहोगे कोई शौक पाल कर रखो’, ये लाइन सटीक बैठती है भागलपुर के घोघा के रहने वाले राजकुमार मंडल व उनके परिवार पर. जिन्होंने शौक ऐसा पाला कि जो भी उनके घर से गुजरते, वो एक तस्वीर जरूर ले लेते हैं. इतना ही नहीं, इन्होंने अपने घर को ऐसा पहचान दे दिया है, जिसे लोग महज कुछ मिनटों में ढूंढ लें. किसी को शौक रहता है गाड़ी खरीदने का, किसी को घोड़ा खरीदने का, तो किसी को और भी अन्य चीजों का शौक रहता है. लेकिन इनका शौक था घर को अलग लुक देने का.
ऐसा क्या कर दिया, जो हर तरफ होती है चर्चा
दरअसल जब खबर संकलन के दौरान शहर से कहलगांव की तरफ करीब 25 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद घोघा के समीप एक घर ऐसा घर दिखता है, जिसे देखकर आपकी गाड़ी भी वहां जरूर रुक जाएगी. आसमान बिल्कुल साफ नीला रंग का जब उस छत के ऊपर बने डिजाइन पर पड़ता, तो उसकी सुंदरता में चार चांद लग जाते हैं.
घर को दे दिया है ये डिजाइन
दरअसल राजकुमार मंडल व उनके पुत्र सुमन कुमार ने अपने घर के ऊपर स्कोर्पियो बनवा दिया है. रात में ये स्कोर्पियो बिल्कुल हकीकत जैसी लगने लगती है, इसके पीछे का कारण है कि इसमें कुछ ओरिजनल पार्ट्स लगा हुआ है. रात में हेडलाइट, बैक लाइट जब जलता है, तो इसकी सुंदरता और बढ़ जाती है.
जब इसको लेकर सुमन से बात की गई, तो उसने बताया की जब मेरे घर का निर्माण हो रहा था, तभी घर में स्कोर्पियो भी लाया गया था, तो सोचे इसको यादगार बनाया जाए. इससे घर की अलग पहचान भी हो जाएगी और यह गाड़ी सब दिन के लिए यादों में भी बस जाएगा. इसी को लेकर इसमें सेम अपनी गाड़ी का डिजाइन दिलवा दिया. इसमें नंबर भी वही है, जो मेरे गाड़ी का है.
कैसे किया गया तैयार
सुमन ने Local 18 को बताया कि इसको तैयार करने में करीब 3 माह का वक्त लग गया. 3 लाख के आसपास इसका खर्च आया. मिस्त्री के साथ खुद भी लगे रहे. जहां जो गड़बड़ी होती, उसको फिर से बनवाते थे और ऐसे ही तैयार कर लिए.