Thursday, April 17, 2025
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IPL के बीच में रोहित ने गिराया एटम बम,ऑस्ट्रेलिया दौरे का किया बड़ा खुलासा


नई दिल्ली. आईपीएल के बढ़ते रोमांच के बीच में हर किसी को इंतजार रोहित शर्मा के बैट से निकलने वाले रॉकेट शॉट्स और मैदान पर होने वाली आतिशबाजी का है पर हिटमैन ने मैदान के बाहर एक ऐसा बम फोड़ा है जिसकी गूंज ऑस्ट्रेलिया तक जाएगी क्योंकि कई मुद्दे वहां के दौरे से जुड़े है.

भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने कहा कि इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी टेस्ट से बाहर रहने का उनका फैसला सर्वसम्मति से नहीं लिया गया था और इसमें मुख्य कोच गौतम गंभीर और मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर के साथ उनकी ‘बहस’ हुई थी. रोहित ने ‘बियॉन्ड23 क्रिकेट पॉडकास्ट’ के दौरान ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क से कहा, ‘‘ हम किसी तरह गिल को अंतिम एकादश में रखना चाहते थे पर पहले इस पर सहमति नहीं बन पाई थी.

कोई फैसला फ्यूचर तय नहीं करता 

रोहित शर्मा जब से कप्तान बने है एक चीज जो टीम के हर खिलाड़ी में एक बात नजर आती है और वो है टीम को अपने से उपर देखना . रोहित ने इस पर  कहा कि आप टीम को प्राथमिकता देने की कोशिश करते हैं, आप बस देखते हैं कि टीम की क्या जरूरत है और उसके अनुसार निर्णय लेते हैं. कभी-कभी यह काम करेगा, कभी-कभी नहीं. ऐसा ही होता है. आप जो भी निर्णय लेने की कोशिश करते हैं, उसमें आपको सफलता की गारंटी नहीं होती.इस महान बल्लेबाज ने खुद को बाहर करने के निर्णय पर पहुंचने के लिए तार्किक तर्क भी दिया. उन्होंने कहा, मैंने (एडिलेड में) अच्छा नहीं खेला था. मैंने सोचा कि मुझे पारी का आगाज करना चाहिये था. मैं जो करता हूं और वहां असफल होना पसंद करूंगा. यही मेरी जगह है, यही मेरी स्थिति है. मैं वहां जाकर बल्लेबाजी करना पसंद करूंगा, चाहे मुझे सफलता मिले या नहीं, यह एक अलग बात है. लेकिन मैं टीम के लिए अपनी स्वाभाविक जगह पर खेलूंगा.

ब्रिस्बेन में बदलाव करने का प्रयास हुआ था 

ऐडीलेड में फेल होने के बाद रोहित ने सोचा कि उन्हें ब्रिस्बेन में एक और मैच में मध्यक्रम में बल्लेबाजी जारी रखनी चाहिए. उन्होंने कहा, मध्यक्रम में एक मैच में निराशा के बाद मैंने ज्यादा चिंता किये बिना सोचा कि इसे एक और मैच में जारी रखते हैं. हम ब्रिस्बेन में चीजों को बदलने की कोशिश कर सकते हैं. वह मुकाबला ड्रॉ पर छूटा.  जब हम मेलबर्न पहुंचे तो हमने अपना मन बदल लिया. मैं पारी की शुरुआत करने के लिए वापस चला गया.रोहित ने स्वीकार किया कि उन्हें खुद को बाहर करना पड़ा क्योंकि एक ही समय पर टीम के कई खिलाफ फॉर्म में नहीं थे . इसमें स्टार बल्लेबाज विराट कोहली भी शामिल थे. पर्थ में पहले टेस्ट में अपने शतक को छोड़कर कोहली पूरी श्रृंखला में संघर्ष करते रहे. रोहित ने कहा, श्रृंखला के आखिरी टेस्ट मे मुझे खुद के साथ ईमानदार होना पड़ा. मैं गेंद को अच्छी तरह से नहीं मार पा रहा था. मैं खुद को सिर्फ टीम में इसलिए वहां नहीं रखना चाहता था क्योंकि हमने दूसरे खिलाड़ियों को बाहर कर दिया था जो संघर्ष कर रहे थे.’’

टीम की टेंशन पहले बाकी सब बाद में 

कप्तान रोहित ने इस पॉडकास्ट में आगे कहा  कि जब उन्हें राष्ट्रीय टीम के नेतृत्व की जिम्मेदारी मिली, तो उन्हें हर समय टीम के हितों को सबसे पहले रखना पड़ा. उन्होंने कहा, जब से मैंने राष्ट्रीय टीम की कप्तानी शुरू की, मुझे लगा कि न केवल मुझे बल्कि बाकी खिलाड़ियों को भी एक जैसा सोचना चाहिए और टीम को पहले रखना चाहिए. टीम के लिए जो जरूरी है वो करना चाहिए और अपने रन और शतक, अपने पांच विकेटों के बारे में चिंता नहीं करनी चाहिए. आप टीम स्पोर्ट खेल रहे हैं, अगर आप 100 रन बनाते हैं और टीम को सफलता नहीं दिला सकते तो इसका क्या फायदा?

भारत 20 जून से चार अगस्त तक पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला के लिए इंग्लैंड का दौरा करेगा और कप्तान का मानना है कि मेजबान टीम को अच्छा मौका देने के लिए मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह  का पूरी तरह से फिट होना काफी अहम होगा. उन्होंने कहा, हमें इनमें से कुछ खिलाड़ियों को 100 प्रतिशत फिट रहने की जरूरत है. मुझे उम्मीद है कि वे आईपीएल से वाकई अच्छे प्रदर्शन करेंगे. मुझे पता है कि यह केवल चार ओवर का मैच है, लेकिन आप आज खेलते हैं, कल यात्रा करते हैं और फिर अगले दिन दोबारा खेलते हैं, यही चुनौतीपूर्ण हिस्सा है. हमारे प्रमुख खिलाड़ी अगर पूरी तरह से फिट रहे तो इंग्लैंड में हमारे पास अच्छा मौका होगा.



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