Thursday, April 17, 2025
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kedarnath badrinath rail project- ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक 125 किमी. लंबी नई रेल लाइन बनने से वैसे तो पूरे राज्‍य को फायदा होने वाला है, लेकिन सबसे ज्‍यादा फायदा 11 शहरों को होगा.


नई दिल्‍ली. पहाड़ों में आज भी ट्रांसपोर्ट एक बड़ी समस्‍या है. यहां पर एक ओर से दूसरी ओर आने जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसमें समय और पैसे दोनों अधिक खर्च होते हैं. ऋषिकेश से कर्णप्रयाग रेल लाइन शुरू से यहां आना जाना आसान हो जाएगा. इस नई लाइन से यहां के 11 शहरों को सबसे ज्‍यादा लाभ होगा. देखें आपका शहर भी इसमें शामिल है.

भारतीय रेलवे द्वारा ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक 125 किमी. लंबी नई रेल लाइन का निर्माण किया जा रहा है. इसकी खासियत यह होगी, इसका 80 फीसदी हिस्‍सा टनल से होकर गुजरेगा. यानी 104 किमी. सफर टनल से होकर जाएगा. इस नई रेल लाइन से सबसे ज्‍यादा करीब 11 शहरों को होने वाला है. जहां पर स्‍टेशन बनेंगे और रेल लाइन गुजरेगी. इसके अलावा पूरे राज्‍य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी.

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पांच प्रमुख शहर को सबसे ज्‍यादा फायदा

इस रेल लाइन लाइन से तमाम शहरों को फायदा होगा. लेकिन सबसे ज्‍यादा फायदा पांच शहरों को होग, इनमें देवप्रयाग, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, गोचर और कर्णप्रयाग शामिल हैं.

12 स्‍टेशन बनेंगे, इनको भी लाभ

इस नई लाइन में 12 नए स्‍टेशन बनेंगे. ऋषिकेश, शिवपुरी, बाईसल, देवप्रयाग, जनासु, मलेथा, श्रीनगर, धारीदेवी, तिलानी, घोलतिर, गोचर और कर्णप्रयाग हैं. इस तरह इन स्‍टेशनों के आसपास के शहरों को लाभ मिलने वाला है.

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इन पांच जिलों से गुजरेगी ट्रेन

ऋषिकेश से कर्णप्रयाग पांच जिलों से होकर गुजरेगी. इनमें देहरादून, टेहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, रुद्र प्रयाग और चमोली शामिल है. इन जिलों के लोगों को आवागमन भी नई रेल लाइन बनने से आसान हो जाएगा.

38 ब्रिज बनेंगे रेल लाइन

इस पूरी रेल लाइन में कुल 38 ब्रिज बनेंगे, जिनमें से 19 मेजर ब्रिज है, इनमें 5 प्रमुख ब्रिज भी शामिल हैं. यहां पर ब्रिज बनाना बड़ा चैलेंज है.

पहाड़ के नीचे 100 किमी. की स्‍पीड से दौड़ेंगी ट्रेनें

इन रेल लाइन को इस तरह डिजाइन किया जा रहा है, जिससे 100 किमी. प्रति घंटे की स्‍पीड से पैसेंजर ट्रेन और 65 किमी. प्रति घंटे की स्‍पीड से गुड्स ट्रेनें दौड़ सकेंगी.

इस साल टनल का काम पूरा

रेलवे ने 104 किमी. लंबी टनल का काम पूरा करने की डेडलाइन तय की गयी है. अभी तक 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है. इस रेल लाइन को 20 मार्च 2020 में कमीशन किया गया था.



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