Myanmar Earthquake Latest Update: म्यांमार में भूकंप की तबाही से दुनिया वाकिफ है. म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के जोरदार भूकंप से पलक झपकते ही लाशें बिछ गईं. हर ओर मातम का मंजर है. म्यांमार में भूकंप की तबाही का अंदाजा वहां से आईं तस्वीरों से लगाया जा सकता है. खुद भारत की स्पेंस एजेंसी इसरो ने म्यांमार में आए शक्तिशाली भूकंप की वजह से नुकसान की सैटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं.
इसरो यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने 28 मार्च को म्यांमार में आए भूकंप की विनाशलीला दिखाई है. इसरो की ‘कार्टोसैट-3’ ने भूकंप से हुए नुकसान की तस्वीरें खींची हैं, जिसे इसरो ने जारी किया है. इसरो ने कहा कि उसने भूकंप के बाद 29 मार्च को ‘कार्टोसैट-3’ की ओर से म्यांमार के मांडले और सागाइंग शहरों के ऊपर से ली गई तस्वीरें हासिल कीं.
म्यांमार में 28 मार्च 2025 को जोरदार भूकंप आया था. इस भूकंप के झटके पड़ोसी देशों मसलन भारत और थाईलैंड में भी महसूस किए गए थे. इस भूकंप ने खूब तबाही मचाई है. खासकर म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले के पास. ताजा जानकारी के मुताबिक, अब तक 1,700 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
अंतरिक्ष एजेंसी का अर्थ इमेजिंग सैटेलाइट कार्टोसैट-3 ने धरती से 500 किलोमीटर ऊपर से तस्वीरें कैप्चर कीं. यह 50 सेंटीमीटर से कम रिजॉल्यूशन पर तस्वीरें लेने में मदद कर सकता है. इन तस्वीरों में भूकंप का भयावह मंजर दिख सकता है.
भूकंप के बाद ISRO के कार्टोसैट-3 से मिलीं सैटेलाइट तस्वीरों ने तबाही की भयावहता को समझने में मदद की है. इसरो की ओर से जारी की गई तस्वीरों में दिख रहा है कि म्यांमार में तबाही का मंजर दिख रहा है. इसमें देखा जा सकता है कि कैसे इरावदी नदी पर बना एक विशाल पुल ढह गया. मांडले यूनिवर्सिटी को हुए नुकसान को भी हाइलाइट किया गया है.
भूकंप के कारण कई क्षेत्रों में भयानक तबाही हुई है. कई लोग घायल हुए हैं, जबकि कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी. सड़कों, रिहायशी इमारतों और ऐतिहासिक इमारतों जैसे बुनियादी ढांचे को भी भारी नुकसान पहुंचा है. इरावती नदी के बाढ़ संभावित क्षेत्र में दरारें, जमीन का फटना और इसी तरह की अन्य घटनाएं भी देखी गईं.
मांडले और पास के सागिंग क्षेत्र में भारी नुकसान की खबर है. 29 मार्च को ली गई तस्वीरों में मांडले के बुनियादी ढांचे को हुए व्यापक नुकसान का पता चला है. इसमें अहम स्थल शामिल हैं, जो पूरी तरह से या आंशिक रूप से ढह गए हैं. महामुनि पैगोडा और ऐतिहासिक अवा ब्रिज जैसे कई प्रमुख स्थल भी ढह गए. इसके अलावा, थाईलैंड में भी झटके महसूस किए गए, जिससे वहां भी आपातकालीन प्रतिक्रिया शुरू करनी पड़ी.
म्यांमार की सैन्य सरकार ने आपातकाल की स्थिति की घोषणा कर दी है और फंसे हुए लोगों का पता लगाने के लिए बचाव अभियान चलाया जा रहा है. खबरों के मुताबिक, 2,900 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि हजारों लोग घायल हैं.
भारत मदद की पेशकश करने और इस मुश्किल समय में म्यांमार को सहायता प्रदान करने के लिए बचाव दल भेजने वाले पहले देशों में से एक था. इसरो ने कहा कि भूकंप के झटके न केवल म्यांमार में बल्कि पड़ोसी देशों में भी महसूस किए गए. भूकंप के झटके इतने शक्तिशाली थे कि चियांग माई और थाईलैंड के उत्तरी हिस्सों तक महसूस किए गए, जहां निवासियों ने नुकसान की सूचना दी.