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Palamu Tiger Reserve: पलामू टाइगर रिजर्व 1144 वर्ग किलोमीटर में फैला है, जहां वन विभाग ने जंगली जानवरों के लिए पानी की विशेष तैयारियां की हैं. बेतला नेशनल पार्क गर्मियों में पर्यटकों के लिए हॉट स्पॉट है.

Palamu Tiger Reserve
हाइलाइट्स
- पलामू टाइगर रिजर्व में जानवरों के लिए ताजा पानी की व्यवस्था.
- बेतला नेशनल पार्क गर्मियों में पर्यटकों के लिए हॉट स्पॉट.
- सोलर पंप से जानवरों को दिनभर ताजा पानी मिलता है.
Palamu Tiger Reserve: पलामू टाइगर रिजर्व 1144 वर्ग किलोमीटर में फैला है, जहां जंगली जानवरों के पानी के लिए विभाग ने विशेष तैयारियां की हैं. यहां आधुनिक सुविधाओं के साथ जानवरों को दिनभर ताजा पानी मिलता रहता है, जिससे वे पीने के साथ-साथ नहाते भी हैं.
दरअसल, झारखंड का इकलौता खुला पार्क बेतला नेशनल पार्क गर्मियों में पर्यटकों के लिए हॉट स्पॉट बना रहता है, जहां दूर-दूर से पर्यटक आते हैं. गर्मियों में जंगली जानवरों को पानी मुहैया कराने के लिए वन विभाग की विशेष योजना चल रही है, जिससे जानवरों को दिनभर ताजा और ठंडा पानी मिलता रहता है.
टैंकर से उपलब्ध होता है पानी
पलामू टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर प्रजेश कांत जैना ने लोकल18 को बताया कि पूरा पलामू टाइगर रिजर्व 1144 वर्ग किलोमीटर में फैला है, जहां कई प्रकार के जंगली जानवर रहते हैं. यह इलाका सूखे से प्रभावित है, इसलिए यहां जंगली जानवरों को पानी उपलब्ध कराने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं. शुरुआत में तो जंगली जानवरों को प्राकृतिक नालों से काफी समय तक पानी मिलता रहा है. वहीं, बेतला समेत अन्य क्षेत्रों में बने वाटर ट्रैप्स को टैंकर से भरा जाता है.
जंगल में सोलर पंप की सुविधा
बेतला समेत कई क्षेत्रों में सीमेंटेड पानी के ट्रप्स हैं, जिनके साथ डोभा जुड़ा हुआ है. सोलर पंप से दिनभर ताजा पानी निकलता रहता है, जो ओवरफ्लो होकर सीमेंटेड टब से डोभा में जाता है. वहां जंगली जानवर नहाते हैं और पीते भी हैं. इस तरह जंगली जानवरों को दिनभर ताजा पानी मिलता रहता है.
नाले का पानी को स्टोर करने की तैयार शुरू
आगे बताया कि इस क्षेत्र में एक व्यापक जलग्रहण प्रबंधन कार्यक्रम चल रहा है, जिसके तहत विस्तृत सर्वेक्षण शुरू हो गया है. इसके बाद आगे के कार्य किए जाएंगे. यह कार्यक्रम मुख्य रूप से पलामू टाइगर रिजर्व क्षेत्र के प्राकृतिक नालों के पानी को संग्रहित करने पर केंद्रित है. चूंकि ये नाले साल में 6 महीने तक सूखे रहते हैं, उनके पानी को संरक्षित कर जंगली जानवरों को उपलब्ध कराने की तैयारी की जा रही है. इसमें पहाड़ी से घाटी तक जलग्रहण संरचना बनाई जाएगी, जिसमें इन नालों का पानी संग्रहित हो सकेगा. इससे ये नाले सालभर जीवित रहेंगे और उनका पानी संरक्षित किया जा सकेगा.
पलामू टाइगर रिजर्व में 250 वाटर ट्रप्स
उन्होंने बताया कि पूरे पलामू टाइगर रिजर्व में करीब 250 वाटर टब बनाए गए हैं. इसमें से लगभग 150 बेतला में हैं. बाकी अन्य क्षेत्रों में बनाए गए हैं. बेतला में जंगली जानवरों की संख्या अधिक है, इसलिए यहां ज्यादा सीमेंटेड टब बनाए गए हैं, जिन्हें टैंकर या सोलर पंप के माध्यम से भरा जाता है.