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नितिन धर्मावत चार्टर्ड फाइनैंशियल एनालिस्ट हैं जो पुणे में रहते हैं. हाल ही में उन्होंने एक पोस्ट लिखकर प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया. उन्होंने एक फोटो डाली जो आटा चक्की की है.

शख्स ने दुकान में 16 पर्मिट फ्रेम करवाकर टांगे. (फोटो: Twitter/@niteen_india)
कारोबार में सुगमता (Ease of Doing Business) एक प्रकार का पैमाना है, जो बताता है कि किसी देश में व्यापार करना कितना आसान है. भारत निरंतर इसमें सुधार कर रहा है. विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स में भारत 2014 में 142वें स्थान पर था मगर 2019 में 63वें स्थान पर पहुंच गया था. हालांकि, सोचने वाली बात ये है कि क्या भारत की छोटी से छोटी इकाई, या छोटे व्यापारियों को इसका फायदा मिल पा रहा है. हाल ही में एक सोशल मीडिया पोस्ट ने इसकी सच्चाई के बारे में बताया. एक शख्स ने पोस्ट डालकर जानकारी दी कि उसके पड़ोस में एक शख्स ने गेहूं पीसने के लिए आटा चक्की की दुकान खोली मगर उसे साधारण सी दुकान के लिए 16 पर्मिट लेने पड़े!
ट्विटर यूजर नितिन धर्मावत चार्टर्ड फाइनैंशियल एनालिस्ट हैं जो पुणे में रहते हैं. हाल ही में उन्होंने एक पोस्ट लिखकर प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया. उन्होंने एक फोटो डाली जो आटा चक्की की है. उसमें 16 तस्वीरें टंगी हैं और बगल में भारत का संविधान भी लटका है. नितिन ने बताया कि उनके मोहल्ले में एक छोटी सी आटा चक्की खुली है. उसका मालिक बहुत कर्मठ व्यक्ति है.
This is the best example of ease of doing business in India.
This is a small flour mill (आटा चक्की) in the neighborhood. The owner is a hardworking man. He had to get 16 different permissions to start his shop. It took him considerable time to begin running a simple flour mill.… pic.twitter.com/kLkalURsB9
— Niteen S Dharmawat, CFA (@niteen_india) April 15, 2025