Last Updated:
Ajab Gajab News: मध्य प्रदेश के खरगोन में नर्मदा नदी के किनारे एक पहाड़ी पर सैकड़ों पत्थरों के बीच एक रहस्यमय पत्थर है. इस पत्थर को तोड़ने की बहुत कोशिश की लेकिन, यह टूटा नहीं. हालांकि, वैज्ञानिक कुछ और बोल रहे….और पढ़ें

अजब गजब पत्थर.
हाइलाइट्स
- नर्मदा किनारे रहस्यमय पत्थर पाया गया.
- पत्थर को मारने पर 20 फीट तक जाती है आवाज
- पत्थर को तोड़ने की कोशिशें नाकाम रहीं
खरगोन. मध्य प्रदेश में कई ऐसे स्थान हैं, जहां होने वाली अजीबों-गरीब घटनाएं लोगों को आज भी हैरान कर देती हैं. ऐसा ही एक रहस्यमय स्थान खरगोन में नर्मदा नदी के किनारे एक पहाड़ी पर मौजूद है. जहां जमीन में गड़े सैकड़ों पत्थरों के बीच एक अनोखा पत्थर है, जो हर किसी को अपनी और आकर्षित करता है. इस पत्थर की खासियत इससे निकलने वाली आवाज है, जो बाकी पत्थरों से इसे अलग बनाती है. यहीं, नहीं पत्थर इतना मजबूत है कि इस पर छेनी-हथौड़े का भी कोई असर नहीं होता.
पड़ताल के लिए मुख्यालय से करीब 60 km का सफर करने के बाद लोकल 18 की टीम लोगों से रास्ता पूछते हुए ग्राउंड जीरो पर इस रहस्यमय पत्थर के पास पहुंची. जहां पहले से कुछ लोग मौजूद थे. उनके हाथों में पत्थर के टुकड़े थे, जो उन्होंने वहीं से उठाए थे. वह लगातार इस रहस्यमय पत्थर को पूरी ताकत से पीट रहे थे. जब पत्थर से पत्थर टकरा रहे थे तो उसमें से लोहे जैसी आवाज निकल रही है, जो वहां मौजूद हर किसी को हैरान कर रही थी.
20 फीट दूर तक सुनाई देती है आवाज
स्थानीय निवासी अजय पाटीदार ने बताया, जब इस पत्थर को किसी अन्य पत्थर से ठोका जाता है, तो करीब 20 फीट दूर तक उसकी आवाज सुनाई देती है, जो बिलकुल लोहे जैसी होती है. जबकि, आसपास की अन्य शिलाओं यानी पत्थरों से सामान्य आवाज ही आती है. कई लोगों ने इस रहस्य को समझने की कोशिश की पर ठीक से कोई जान नहीं पाया. स्थानीय रहवासी गोविंद वर्मा के अनुसार, इस पत्थर को कितना भी जोर से ठोका जाए, चाहे तो छेनी हथौड़े से तोड़ने की कोशिश की जाए पर यह पत्थर न तो अपनी जगह से हिलता है और न टूटता है.
विशेषज्ञों ने उठाया पर्दा
अन्य लोगों के मुताबिक, यह पत्थर सैकड़ों वर्षों से यहां इसी अवस्था में मौजूद है. गांव के लोग इसे हनुमानजी का चमत्कार मानते हैं और पत्थर को पूजते हैं. लोगों का मानना है कि इसमें कोई अदृश्य शक्ति है. हालांकि, जब हमने विशेषज्ञों से इस बारे में बात की तो उन्होंने कहा कि संभवतः यह पाषाण का पत्थर है, जो काफी मजबूत होता है. जब इसे किसी अन्य धातु से पीटा जाता है तो उसमें से सामान्य से अलग आवाज सुनाई देती है, जो कई बार लोहे जैसी हो सकती है. नर्मदा किनारे ऐसे कई पत्थर मौजूद हैं जो जमीन में दबे हुए हैं. मिट्टी के कटाव से यह बाहर निकल आते हैं.
यहां तक कैसे पहुंचें
बता दें, क्षेत्र में यह स्थान डिगार के नाम से प्रसिद्ध है. यहां पहाड़ी पर हनुमान जी का सैकड़ों वर्ष पुराना मंदिर भी है, जो लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है. यहां पहुंचने के लिए खरगोन से मंडलेश्वर फिर धरगांव से करीब 3 km गोगांवा जाना पड़ता है, फिर यहां से जंगल में रास्ते डेढ़ km अंदर पहाड़ी पर जाएंगे तो सैकड़ों पत्थरों के बीच एक पेड़ के पास लाल रंग से पुता यह रहस्यमय पत्थर मिलता है. पवित्र नगरी महेश्वर से भी मंडलेश्वर होते हुए यहां पहुंच सकते है. लोग दूर-दूर से यहां सिर्फ इस पत्थर को देखने और आवाज सुनने आते है.